- मणिकर्णिका घाट पर लकड़ी व्यापारियों ने लकड़ी हटाने से किया इंकार
- अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो टूट जाएगी काशी की प्राचीन परंपरा?
- नगर वधुओं द्वारा धरना प्रदर्शन जारी, अतिक्रमण हटाने में प्रशासन नाकाम
Varanasi Protest: काशी के मणिकर्णिका घाट पर सैकड़ों साल से बाबा महाश्मशान नाथ के चैत्र नवरात्रि में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय वार्षिक श्रृंगार कार्यक्रम स्थल पर लकड़ी व्यापारियों द्वारा अवैध अतिक्रमण किए जाने को लेकर नगर वधुओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। मामले का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को नगर आयुक्त पुलिस बल के साथ बुलडोजर लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंचे लेकिन दबंग कब्जाधारियों ने लकड़ी हटाने से मना कर बुलडोजर पर ब्रेक लगवा दिया।
टूट जाएगी काशी की प्राचीन परंपरा ?
श्रृंगार कार्यक्रम आयोजित समिति के अध्यक्ष चैनु गुप्ता ने बताया कि, अगर अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो राजा मानसिंह के समय से चली आ प्राचीन परंपरा पर ग्रहण लग जाएगा और यह परंपरा टूट जाएगी। 6 अप्रैल से लेकर 8 अप्रैल तक चलने वाले इस तीन दिवसीय कार्यक्रम को सम्पन्न कराने के लिए समिति ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी गुहार लगाई है। बता दें कि, काशी के मणिकर्णिका घाट पर सैकड़ों साल से बाबा महाश्मशान नाथ का तीन दिवसीय वार्षिक श्रृंगार कार्यक्रम का आयोजन होता चला आ रहा है। यहां धधकती चिताओं के बीच नगर वधुओं का नृत्य होता है, लेकिन अब बाबा महाश्मशान नाथ के कार्यक्रम स्थल पर कुछ लकड़ी कारोबारियों ने लकड़ी रखकर अवैध कब्जा जमा लिया है।
अतिक्रमण हटाने के लिए किया धरना प्रदर्शन
काशी की नगरवधुएं कार्यक्रम स्थल पर अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए धरना प्रदर्शन भी किया। लिहाजा अधिकारियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर अतिक्रमण हटाने का आश्वासन देकर धरना प्रदर्शन समाप्त कराया। बाबा महाश्मशान नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष चैनु प्रसाद गुप्ता ने मीडिया को बताया कि, धरनास्थल पर नगर वधुओं के बैठने के बाद से चौक थाना इंस्पेक्टर, जोनल अधिकारी आये थे। उनके सामने लकड़ी व्यापारियों ने कुछ लकड़ियां हटाई, मगर उनके जाते ही वैसे ही लकड़ियां पड़ी हुई हैं। उन्होंने लकड़ियां हटाने से इनकार कर दिया। हमारा यही निवेदन है कि, कम से कम इतने वर्षों से चली आ रही, इस परंपरा को बचाने के लिए प्रशासन मदद करे। बुलडोजर भी खड़ी है लेकिन लकड़ी व्यापारियों को अब बुलडोजर का भी डर नही है।
सरकार से मदद की गुहार
चैनु प्रसाद गुप्ता ने कहा कि, हम समस्त अधिकारियों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यही निवेदन करेंगे कि, यह परंपरा जो कि 300 वर्षो से चली आ रही है, वो न टूटे इसलिए इस मामले का सरकार संज्ञान ले। सिर्फ तीन दिवसीय आयोजित होने वाले इस श्रृंगार कार्यक्रम को आयोजित होने दिया जाए। उसके बाद जिसे भी इस स्थान पर जो भी करना हो, कर सकता है। हमें कोई आपत्ति नहीं है।