- मृतक मयंक गलती से स्कूल में मोबाइल ले गया था
- सहायक प्राचार्या ने मां- बाप के समक्ष उसे प्रताड़ित किया
- एक सप्ताह के लिए स्कूल आने पर पाबंदी लगा दी
Varanasi News: वाराणासी में मोबाइल फोन एक छात्र की मौत की वजह बन गया। स्कूल में मोबाइल ले जाने की सजा की वजह से घर का चिराग बुझ गया। यह हैरान कर देने वाली घटना बीएचयू के कार्मिक के साथ हुई है। दरअसल काशी हिंदू विश्वविद्यालय के नजदीक के गांव सीर गोवर्धनपुरा के संतोष यादव के कक्षा 9वीं में पढ़ने वाले बेटा गलती से स्कूल में मोबाइल ले गया था।
इसके बाद प्रिसिंपल ने उसे डांटा व एक सप्ताह तक स्कूल आने पर रोक लगा दी। इस बीच छात्र दोबारा गलती नहीं करने के वादे के साथ रोता-गिड़गिड़ाता रहा, मगर प्रिसिंपल टस से मस नहीं हुई। उल्टे उसके मां - बाप के सामने उसकी जमकर बेइज्जती की। इससे आहत होकर स्टूडेंट ने घर पर फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। अब घटना से आहत परिजन प्रशासन न्याय की उम्मीद लगाए बैठा है।
एक सप्ताह तक स्कूल आने पर लगाया था बैन
पूरी घटना को लेकर मृतक मयंक के पिता व बीएचयू के कार्मिक संतोष कुमार यादव ने आरोप लगाया कि, कक्षा 9वीं में पढ़ रहा उनका बेटा 27 जुलाई को भूलवश स्कूल में मोबाइल लेकर चला गया था। इसके बाद असिस्टेंट प्रिंसिपल ने उन्हें कॉल कर ऑफिस में बुलाया व जोरदार फटकार लगाई। इसके बाद बच्चे को आगे से मोबाइल नहीं देने की हिदायत देकर पत्नी को भेजने की बात कही। मृतक के पिता ने आरोप लगाते हुए बताया कि, जब उनकी पत्नी स्कूल गई तो अरोपी सहायक प्राचार्या ने मयंक को मां के सामने प्रताड़ित किया। मां के सामने ही मयंक खूब रोया। उसने कई बार सहायक प्राचार्या से माफी भी मांगी। मगर उन्होंने उसकी एक ना सुनी और मयंक के एक सप्ताह तक स्कूल नहीं आने का फरमान जारी कर दिया। इससे आहत होकर मयंक ने घर पर फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया।
भाई कभी स्कूल में मोबाइल नहीं ले जाता था
घटना से गहरे सदमें में आई मृतक की बहन तनीषा ने बताया कि, वह कभी भी स्कूल में मोबाइल नहीं ले जाता था। गत 27 जुलाई को स्कूल जाने की जल्दी में गलती से उसकी जेब में मोबाइल रह गया। तनीषा ने बताया कि, हाफ रिसिस में वह मेरे पास आया और कहा कि, दीदी भूलवश मेरी जेब मोबाइल पड़ा रहने की वजह से यहां आ गया। तनिषा ने कहा कि, मेरे बैग की क्लास में जांच होगी, इसलिए तुम इसे अपने पास बंद करके रख लो। इस बीच स्कूल की लाइब्रेरी में कोई विवाद हो गया। मयंक ने वहां मोबाइल से वीडियो बनाना शुरू कर दिया। इस दौरान लाइब्रेरियन ने उसे पकड़ लिया व दो तमाचे जड़ सहायक प्राचार्या के पास ले गया। बस यहीं से मयंक के जीवन के अंत की पटकथा शुरू हुई। अब इस पूरे मामले को लेकर सहायक प्राचार्या से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।