काठमांडू: नेपाल के पर्वतीय मुस्तांग जिले में रविवार को तारा एअर का विमान जिस जगह दुर्घटनाग्रस्त हुआ था वहां से 21 शव बरामद किए जा चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि विमान में चार भारतीयों समेत कुल 22 लोग सवार थे और यह पोखरा से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। 'तारा एअर' का 'टर्बोप्रॉप ट्विन ओट्टर 9एन-एईटी' विमान रविवार की सुबह नेपाल के पर्वतीय इलाके में लापता हो गया था। कनाडा निर्मित विमान में चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली नागरिकों सहित कुल 22 लोग सवार थे। इसमें चालक दल के तीन नेपाली सदस्य भी सवार थे। यह विमान पोखरा से मध्य नेपाल स्थित मशहूर पर्यटक शहर जोमसोम की ओर जा रहा था।
बयान में कहा गया कि 10 शवों को काठमांडू लाया गया है जबकि 11 शव आधार शिविर ले जाए गए हैं जहां से राहत कार्य का समन्वय हो रहा है।'तारा एअर' के प्रवक्ता सुदर्शन बर्तोला ने कहा कि खोज एवं बचाव दल बचे हुए एक व्यक्ति की तलाश में इलाके में छानबीन कर रहे हैं।
जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है
राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने विमान हादसे में चालक दल के सदस्यों और यात्रियों की मौत पर शोक व्यक्त किया है।सरकार ने तारा एअर विमान दुर्घटना की वजह का पता लगाने के लिए वरिष्ठ वैमानिक इंजीनियर रतीश चंद्र लाल सुमन की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है।
मुस्तांग जिले के थसांग-2 में 14,500 फुट की ऊंचाई पर विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था
सीएएएन के महानिदेशक प्रदीप अधिकारी ने सोमवार को संसद की अंतरराष्ट्रीय समिति की बैठक में कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि विमान खराब मौसम के कारण बाईं ओर मुड़ने के बजाय दाईं ओर मुड़ने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।इससे पहले अपराह्न में सीएएएन ने एक बयान में बताया कि मुस्तांग जिले के थसांग-2 में 14,500 फुट की ऊंचाई पर विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। 'माय रिपब्लिका' समाचार पत्र की खबर के अनुसार, खराब मौसम के कारण अवरुद्ध एक मार्ग को साफ करने के लिए इलाके में पहुंचे इंदा सिंह ने पाया कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि विमान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था।समाचार पत्र ने सिंह के हवाले से कहा, 'विमान में सवार सभी लोग मृत मिले हैं। शव शिनाख्त करने की स्थिति में हैं।'
विमान संभवत: एक चट्टान से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ
सिंह ने बताया कि विमान में आग नहीं लगी थी। विमान संभवत: एक चट्टान से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ।सीएएएन के अनुसार, दुर्घटनास्थल पर नेपाल की सेना, एयर डायनेस्टी, कैलाश हेलीकॉप्टर, फिशटेल एयर हेलीकॉप्टर के खोज एवं बचाव दल और अन्य बचाव कर्मी तैनात किए गए हैं। फिशटेल एयर का 9एन-एजेआर हेलीकॉप्टर दुर्घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचा और सोमवार को सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर उसने विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की पुष्टि की।
विमान में मौजूद भारतीयों की पहचान हुई
विमानन कंपनी की ओर से जारी यात्रियों की सूची के अनुसार, विमान में मौजूद भारतीयों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, उनकी पत्नी वैभवी बांडेकर (त्रिपाठी) और बच्चों-धनुष त्रिपाठी व ऋतिका त्रिपाठी के तौर पर हुई है। यह परिवार महाराष्ट्र के ठाणे जिले का रहने वाला है।हादसे का शिकार हुए भारतीय यात्रियों के परिजन काठमांडू में शवों की शिनाख्त का इंतजार कर रहे हैं।
विमान के लापता होने के करीब 20 घंटे बाद उसका मलबा मिला
नेपाल की सेना ने सोमवार को बताया कि विमान के लापता होने के करीब 20 घंटे बाद उसका मलबा मिला।इससे पहले, सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल नारायण सिल्वाल ने ट्वीट किया, 'सैनिकों और बचावकर्मियों ने दुर्घटनास्थल का पता लगा लिया है। इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी जल्द साझा की जाएगी।'उन्होंने एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'दुर्घटनास्थल मुस्तांग जिले के थसांग-2 के सनोसवेयर में है।'
'शव मुख्य दुर्घटनास्थल से 100 मीटर के दायरे में बिखरे थे।'
नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के अनुसार, 'तारा एअर' के विमान ने पोखरा से रविवार सुबह नौ बजकर 55 मिनट पर उड़ान भरी थी, लेकिन करीब 12 मिनट बाद सुबह 10 बजकर सात मिनट पर उसका नियंत्रण टावर से संपर्क टूट गया।'तारा एअर' के प्रवक्ता बर्तोला ने बताया, 'शव मुख्य दुर्घटनास्थल से 100 मीटर के दायरे में बिखरे थे।' बर्तोला ने बताया कि विमान पहाड़ से टकराने के कारण टूटकर बिखर गया था। उन्होंने कहा, 'टक्कर इतनी भीषण थी कि शव इधर-उधर बिखर गए।' सोशल मीडिया पर जारी तस्वीर में केवल विमान का पीछे का हिस्सा और एक 'विंग' (डैना) पूरा नजर आ रहा है।रविवार को खराब मौसम और कम रोशनी के कारण तलाश अभियान को रोक दिया गया था।दुनिया के 14 सबसे ऊंचे पहाड़ों में से एवरेस्ट समेत आठ नेपाल में हैं। यहां विमान दुर्घटनाओं के पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं।