नई दिल्ली: तालिबान ने अफगानिस्तान के कंधार में टेलीविजन और रेडियो चैनलों पर संगीत और महिला आवाजों पर प्रतिबंध लगा दिया है। तालिबान द्वारा 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद कुछ मीडिया आउटलेट्स ने अपनी महिला एंकरों को हटा दिया था। काबुल में स्थानीय मीडिया ने यह भी बताया कि कई महिला स्टाफ सदस्यों को अपने कार्यस्थलों से लौटने के लिए कहा गया था।
हालांकि, तालिबान ने आश्वासन दिया है कि वे महिलाओं को काम करने देंगे और उन्हें इस्लामी कानून के तहत अध्ययन करने की अनुमति होगी। तालिबान द्वारा किए गए वादों के विपरीत, स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों से पता चलता है कि महिलाओं को अपने दैनिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कार्यकाल में तालिबान महिलाओं के साथ कठोर व्यवहार के लिए जाना जाता था।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा था, 'तालिबान महिलाओं को इस्लाम के आधार पर उनके अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाएं स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में जहां जरूरत हो वहां काम कर सकती हैं। महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।'
शरिया के मुताबिक क्या हैं महिला अधिकार
महिला हाई हील्स नहीं पहन सकतीं
महिला पैर में क्या पहनें तालिबान तय करेगा
हील्स की आवाज से पुरुष उत्तेजित हो सकते हैं
महिलाएं ऊंची आवाज में नहीं बोल सकतीं
अनजान शख्स महिला की आवाज ना सुने, इसलिए ये नियम
महिलाओं को आठ साल के बाद शिक्षा की अनुमति नहीं
केवल कुरान का अध्ययन करने की अनुमति
महिलाओं के वीडियो, फोटोग्राफी पर भी प्रतिबंध
पुरुष फोन में भी पत्नी की तस्वीर नहीं रख सकते
महिलाएं सार्वजनिक सम्मेलन में शामिल नहीं हो सकतीं
महिलाएं साइकिल, मोटरसाइकिल नहीं चला सकतीं
बिना पुरुष साथी के टैक्सी में सफर नहीं कर सकतीं