- चीन में पढ़ाई के लिए दाखिला लेने वाले भारतीय छात्रों की संख्या करीब 23,000 है
- ज्यादातर छात्र मेडिकल स्टूडेंट्स हैं, जो अपनी पढ़ाई के लिए चीन लौटना चाहते हैं
- चीन इसके लिए भारत को चार्टर्ड प्लेन के संचालन की अनुमति नहीं दे रहा है
बीजिंग/नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी दुनियाभर में कहर ढा रही है, जिसने छात्रों का भी बड़े पैमाने पर नुकसान किया है। बदलते हालात के बीच पढ़ाई का तरीका भी बदल गया है और अब ऑनलाइन पढ़ाई पर अधिक जोर दिया जा रहा है। लेकिन बहुत से विषय हैं, जिन्हें ऑनलाइन समझ पाने में छात्रों को मुश्किलें पेश आ रही हैं और इसमें 'फिजिकल क्लास' का मुकाबला 'ऑनलाइन क्लास' से नहीं किया जा सकता। कुछ ऐसी ही समस्या उन हजारों भारतीय छात्रों के साथ पेश आ रही है, जो चीन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।
चीन के वुहान में साल 2019 के आखिर में कोरोना वायरस संक्रमण का मामला सामने आने के बाद चीन ने सबसे पहले वहां लॉकडाउन घोषित किया था। वुहान में कई मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों ने दाखिला ले रखा है। चीन में पढ़ाई के लिए दाखिला लेने वाले भारतीय छात्रों की संख्या करीब 23,000 है, जिनमें से अधिकांश मेडिकल छात्र हैं। वहां कोविड के मामले सामने आने के बाद स्वदेश लौटने की इच्छा रखने वाले भारतीय छात्रों को लाने के लिए भारत ने विशेष विमान भेजे थे, जिससे बड़ी संख्या में छात्र स्वदेश लौटे थे।
चार्टर्ड उड़ानों को अनुमति नहीं दे रहा चीन
डर और असुरक्षा के माहौल में चीन से लौटे इन छात्रों को क्वारंटीन किया था और फिर उन्हें उनके गृह राज्यों के लिए रवाना किया गया था। अब जब चीन में हालात सामान्य होते दिख रहे हैं, ये छात्र अपनी पढ़ाई के लिए वहां लौटना चाहते हैं, लेकिन चीन के अड़ियल रुख की वजह से इसमें मुश्किलें आ रही हैं। चीन ने अपने कई शहरों में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों के सामने आने का हवाला देते हुए सख्त प्रतिबंध लगाने की बात कही है और इसी आधार पर भारत को चार्टर्ड उड़ानों के संचालन की अनुमति नहीं दे रहा है।
चीन का यह रुख ऐसे समय में सामने आया है, जबकि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के बीच अप्रैल 2020 के आखिर से ही तनाव बरकरार है। इसे दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की कूटनीतिक व सैन्य स्तर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक गतिरोध को दूर करने के लिए कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है। आपसी तनाव के बीच भारत और चीन दोनों देशों ने भारी संख्या में सैनिकों का जमावड़ा यहां कर रखा है। इलाके में निगरानी के लिए टोही विमानों और गश्ती दल की भी तैनाती है।
'चीन कदम दुर्भाग्यपूर्ण'
इसी तनाव के बीच चीन ने भारत को चार्टर्ड उड़ानों के परिचालन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है, जिसे 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए चीन स्थित भारतीय दूतावास ने फिलहाल छात्रों को अपनी 'ऑनलाइन क्लास' जारी रखने की सलाह दी है। दूतावास ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा, 'दूतावास भारतीय छात्रों के इस मुद्दे को चीनी प्राधिकारों के सामने लगातार उठा रहा है, लेकिन दुर्भाग्य से इस स्थिति का कोई सकारात्मक रास्ता नहीं निकल पा रहा है। चीनी प्राधिकारियों ने भारत और चीन के बीच किसी चार्टर्ड उड़ान के परिचालन की अनुमति देने से भी इनकार कर किया है।'
बहरहाल, चीन में विभिन्न कोर्सों में दाखिला लेकर भारत में फंसे छात्रों को पड़ोसी मुल्क में अपने कॉलेजों एवं शैक्षणिक संस्थानों के फिर से खुलने और एक बार फिर से 'फिजिकल क्लास' शुरू किए जाने का इंतजार है। यह देखने वाली बात होगी कि वे कब तक अपनी कक्षाओं के लिए चीन लौट पाते हैं।