- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों के साथ साझा होती है वर्गीकृत खूफिया जानकारियां
- राष्ट्रपति बाइडन नहीं चाहते कि गोपनीय जानकारियां डोनाल्ड ट्रंप को दी जाएं
- जो बाइडन को डर है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जुबान फिसल सकती है
वाशिंगटन : गत 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद जो बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई फैसलों को पलटा है। अब बाइडन ने फैसला किया है कि वह वर्गीकृत खुफिया जानकारियां ट्रंप के साथ साझा नहीं करेंगे। दरअसल, ह्वाइट हाउस वर्गीकृत गोपनीय अभियानों एवं मिशनों की जानकारी पूर्व राष्ट्रपतियों के साथ साझा करता है। ऐसे में बिडेन प्रशासन यदि ट्रंप के साथ ये जानकारियां साझा नहीं करता है तो लंबे समय से चली आ रही यह परंपरा टूट जाएगी। बाइडन को लगता है कि ट्रंप का 'बड़बोलापन' राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
खुफिया जानकारी साझा करने के पक्ष में नहीं बाइडेन
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक 'सीबीएस इवनिंग न्यूज' की एंकर नोराह ओ डॉनेल ने जब बाइडेन से यह पूछा कि ट्रंप यदि अनुरोध करते हैं तो क्या ह्वाइट हाउस प्रशासन उनके साथ खुफिया जानकारियां साझा करेगा? इस पर बाइडन ने कहा, 'उन्हें नहीं लगता।' यह पूछने पर ट्रंप तक खुफिया जानकारियां पहुंचने पर उन्हें किस बात की आशंका है, इस पर राष्ट्रपति ने कहा कि 'मैं इस पर अभी ज्यादा मुखर होकर बात नहीं करना चाहता। मुझे लगता है कि उन्हें खुफिया ब्रीफिंग्स देने की जरूरत नहीं है। उन्हें खुफिया ब्रीफिंग्स देने की जरूरत क्या है? इसका वह क्या करेंगे? हां, इस बात की गुंजाइश रहेगी कि वह कहीं भूलकर कुछ कह न दें।'
ह्वाइट हाउस की नीति में तत्काल बदलाव संभव नहीं
रिपोर्ट में हालांकि यह कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडन के इस विचार के बाद भी ह्वाइट हाउस की नीति में तत्काल कोई बदलाव होगा, इस पर संदेह है। गत शनिवार को ह्वाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा, 'पू्र्व राष्ट्रपति को मिल रही संवेदनशील खुफिया जानकारियों के बारे में राष्ट्रपति ने चिंता जाहिर की है। हालांकि पूर्व राष्ट्रपति को कितनी खुफिया जानकारियां दी जानी चाहिए इस बात को लेकर उन्हें अपनी इंटेलिजेंस टीम पर भी पूरा भरोसा है।'
पूर्व राष्ट्रपतियों के साथ साझा होती हैं खुफिया ब्रीफिंग्स
प्रेस सचिव ने गुरुवार को सीएनएस से बातचीत में कहा कि पूर्व राष्ट्रपतियों के साथ खुफिया जानकारियां साझा करने की परंपरा रही है। पूर्व राष्ट्रपति इसके लिए अनुरोध करते आए हैं। इन अनुरोधों को इंटेलिजेंस एजेंसियां हमेशा की तरह आगे भी समीक्षा करेंगी। बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अभी तक ट्रंप की तरफ से किसी खुफिया जानकारी की मांग नहीं की गई है। अधिकारी का कहना है कि एक खुफिया जानकारी को कई तरीके से पेश किया जा सकता है।
जॉन एफ कैनेडी के समय से चल रही है यह परंपरा
पूर्व राष्ट्रपतियों के साथ वर्गीकृत खुफिया जानकारियां पूर्व राष्ट्रपतियों के साथ साझा करने की परंपरा जॉन एफ कैनेडी के समय से चली आ रही है। इसमें यह जानकारी भी शामिल होती है कि अमेरिका आने वाले दिनों में कौन सा गोपनीय ऑपरेशन या मिशन चलाने वाली है। यह जानकारी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तैयार करते हैं। ह्वाइट हाउस की तरफ से ये गोपनीय सूचनाएं अभी पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर, बिल क्लिंटन, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बराक ओबामा को दी जाती हैं।