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कोरोना महामारी के फैलाव में चीन भूमिका से उठेगा परदा? WHO की जांच टीम के हाथ लगे 'अहम सुराग'   

Updated Feb 08, 2021 | 14:35 IST

रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएचओ की ओर से भेजी गई टीम को अपना सहयोग देने वाले न्यूयॉर्क के पीटर जैसजैक का कहना है कि उनका अनुमान है कि वैज्ञानिकों की टीम 10 फरवरी से पहले अपने प्रमुख निष्कर्ष जारी कर देगी।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
कोरोना महामारी के फैलाव में चीन भूमिका से उठेगा परदा?

नई दिल्ली : दुनिया में कोरोना वायरस का फैलाव चीन के शहर वुहान से माना जाता है लेकिन इस महामारी के उत्पति एवं उसके फैलाव के बारे में आधिकारिक रूप से अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है। सभी की नजरें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की उस टीम पर है जो वुहान में कोरोना वायरस की उत्पति एवं उसके प्रसार के बारे में जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि डब्ल्यूएचओ की यह टीम अपना जांच का काम पूरा कर चुकी है और उसे अंतिम रूप दे रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक टीम में शामिल वैज्ञानिकों को महामारी के फैलाव में वुहान के मीट मार्केट के बारे में 'अहम सुराग' हाथ लगे हैं।

जल्द आएगी जांच टीम की रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएचओ की ओर से भेजी गई टीम को अपना सहयोग देने वाले न्यूयॉर्क के पीटर जैसजैक का कहना है कि उनका अनुमान है कि वैज्ञानिकों की टीम 10 फरवरी से पहले अपने प्रमुख निष्कर्ष जारी कर देगी। वुहान ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के दल में शामिल 14 वैज्ञानिकों के समूह ने चीन के विशेषज्ञों के साथ काम किया है। दिसंबर 2019 में आखिर वुहान में हुआ क्या था इसे जानने के लिए जांच दल ने महामारी के लिहाज से महत्वपूर्ण स्थलों एवं अनुसंधान केंद्रों का दौरा किया ताकि 'इस महामारी की उत्पति के बारे में ठोस एवं वास्तविक कारणों का पता चल सके।'

महामारी के रोकथाम में अहम मोड़ साबित होगी रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक जांचकर्ता यह जानना चाहते हैं कि यह सार्स कोविड-19 वायरस जिसकी उत्पति चमगादड़ों से मानी जा रही है। ये चमगादड़ वुहान से 1000 मील की दूरी पर पाए जाते हैं। वे अचानक ही वुहान में इतने तैजी से कैसे फैले जिसकी वजह से शताब्दी की सबसे घातक महामारी फैल गई। डैसजैक ने कहा कि यह जांच महामारी के रोकथाम में एक अहम मोड़ साबित होगी। न्यूयॉर्क के इस वैज्ञानिक ने गत शुक्रवार को कहा, 'जो कुछ भी है उसे समझने का यह एक बहुत ही सकारात्मक शुरुआत है। इससे हमें अगली महामारी को रोकने में मदद मिलेगी।'

चीन की भूमिका पर उठते हैं सवाल
उन्होंने आगे कहा, 'ये सारी जांच इसीलिए है कि हम वायरस की उत्पति के बारे में जान सकें। इसके बारे में ठोस जानकारी हो जाने पर हमें वैक्सीन का इंतजार नहीं करेगा पड़ेगा और न ही दुनिया को आर्थिक नुकसान एवं जान-माल की क्षति उठानी पड़ेगी।' बता दें कि कोरोना वायरस से दुनिया भर में अभ तक 10 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 23 लाख के करीब लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना वायरस की उत्पति को लेकर कई तरह की अटकलें हैं। कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि यह वायरस 'मानव निर्मित' है और यह वुहान की प्रयोगशाला से फैला। हालांकि, इन रिपोर्टों को चीन ने हमेशा खारिज किया है।