नई दिल्ली: वैसे तो पाकिस्तान में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है पर आज हम आपको लेकर चलते हैं पाकिस्तान की सैर पर कि क्या कुछ हो रहा है।राजनैतिक अस्थिरता के बीच धमकियाँ, ओआईसी की बैठक, विस्फोट, असफल मिसाइल परीक्षण और भगत सिंह की जयंती मनाने पर मनाही। ये सब हो रहा है अगर आप जल्दी से जानना चाहते है तो ये आपके लिए।
पाकिस्तान मे राजनैतिक अस्थिरता प्रधानमंत्री इमरान खान की सत्ता पर खतरा
पाकिस्तान में लोकतंत्र का हाल किसी से छिपा नहीं है पाकिस्तान की जितनी चमकती हुई संसद है उतनी ही फीकी व्यवस्थाएं हैं। हालिया दिनों में इमरान खान को समर्थन देने वाली छोटी छोटी पार्टियां जिनकी संख्या कुछ 6 है के 23 सदस्यों और विरोधी पार्टियां पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के कुल 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेंबली को अविश्वास प्रस्ताव दिया था। इसमें आरोप लगाया गया है कि इमरान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार देश में आर्थिक संकट और मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार है। आरोप ये भी लगाया जा रहा है कि नेशनल असेंबली के अध्यक्ष इमरान खान के करीबी होने के चलते सांविधानिक प्रक्रिया को बाधित कर रहे हैं।
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इन सबमें जो ध्यान देने वाली बात है वो है इमरान खान सहित मंत्रियों के बयान इमरान के सूचना मंत्री एक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहते हैं कि हम देखेंगे कि ''दस लाख की भीड़ के बीच से संसद में जाने की हिम्मत किसके पास है, इमरान खान के खिलाफ वोट करें और फिर वापस जाएं'' वही इमरान खान एक रैली में ये कहते हुए पाए गए, मैं तुम सब आ जाओ आओ मैं माफ़ कर दूंगा और आगे इसमें वो धर्म का एंगल भी जोड़ देते हैं।
हालांकि हम जानते हैं कि पाकिस्तान मे सेना का लोकतंत्र पर बड़ा हाथ होता है और सेना प्रमुख बाजवा ने भी इमरान को अपना पद छोड़ने की सलाह दें डाली है
इस्लामाबाद मे आइओसी की बैठक
पाकिस्तान आइओसी की बैठक इस्लामाबाद मे कर रहा है जिसका उदेश्य इमरान सरकार की नाकामियों को छिपाना है कश्मीर सहित अन्य मुद्दों पर पाकिस्तान भारत को घेरना चाहता था। हालांकि भारत के कड़े आपत्ति के बाद कई देशों ने आइओसी को भारत विरोधी ताकतों द्वारा उपयोग ना किये जाने देने का आश्वासन दिया। इसी बीच पाकिस्तान ने अपने ऑल वेदर दोस्त चीन को भी आमंत्रित किया है और चीन सम्मलेन मे शामिल हो रहा है।
भगतसिंह की पुण्यतिथि पर आतंकियों की नजर, लाचार पाकिस्तान
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ख़बर आई थी कि पाकिस्तान पाकिस्तान के भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन ने शनिवार को यहां की अदालत में एक याचिका दायर कर सरकार को भारतीय स्वतंत्रता सेनानी की 91वीं पुण्यतिथि के मौके पर 23 मार्च को होने वाले एक सार्वजनिक कार्यक्रम में फुलप्रूफ सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देने की मांग की,23 मार्च को होने वाले कार्यक्रम में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूर्ण सुरक्षा के प्रावधान के लिए गृह विभाग, जिला सरकार और पुलिस के पास आवेदन दायर किए गए हैं। लेकिन प्रतिवादियों ने अभी तक आवेदनों पर फैसला नहीं किया है।
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संगठन के अध्यक्ष इम्तियाज राशिद कुरैशी कहते हैं कि संगठन ने शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने के लिए पहले ही एक अभियान शुरू कर दिया था, लेकिन संबंधित अधिकारी धार्मिक चरमपंथियों की प्रतिक्रिया से डरते हैं।हाफिज सईद के जमात-उद-दावा ने सरकार को चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने के खिलाफ चेतावनी दी थी।मामला कोर्ट मे लें जाया गया है और याचिका पर सुनवाई होनी है।
इन सबमे जो सबसे प्रमुख बात निकल कर आती है वो ये है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को भारत विरोधी एजेंडा छोड़ देश के आंतरिक और विदेश नीति पर ईमानदारी से काम करना चाहिए अगर आने वाले 25 मार्च को सत्ता बचाने मे कामयाब हो पाए तो, ख़ुशी की बात यह भी है पाकिस्तान के लिए कि हाल ही मे इमरान खान को भारत की विदेश नीति पर यकीन हुआ है और उन्होंने लोहा मान लिया है।