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बुजुर्ग होती आबादी, जन्‍मदर में कमी से चिंता में चीन, बच्‍चा नीति में किया बड़ा बदलाव

Updated May 31, 2021 | 15:54 IST

चीन ने बच्‍चा नीति में बड़ा बदलाव किया है। जनसंख्‍या विस्‍फोट को रोकने के लिए 2016 में बच्‍चा नीति में बदलाव किया गया था और एक बार फिर इसमें बड़ा बदलाव किया है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में पोलित ब्यूरो की एक बैठक के दौरान इस बदलाव को मंजूरी दी गई
मुख्य बातें
  • चीन ने अपनी बच्‍चा नीति में बड़े बदलाव की घोषणा की है
  • जन्‍मदर में आई गिरावट के बीच इसे अहम समझा जा रहा है
  • इससे पहले चीन ने 2016 में एक बच्‍चा नीति में बदलाव किया था

बीजिंग : चीन में बीते कुछ वर्षों में जन्‍मदर में उल्‍लेखनीय कमी दर्ज की गई है, जिसे देखते हुए उसने बच्‍चा नीति में बड़ा बदलाव किया है। चीन की ओर से सोमवार को घोषणा की गई कि हर जोड़े को अब तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति होगी। चीन में जन्‍मदर में आई गिरावट और इसे सुधारने की कवायद के बीच इसे काफी अहम समझा जा रहा है।

जन्मदर में कमी को देखते हुए चीन ने 2016 में एक बच्‍चा नीति में बड़ा बदलाव करते हुए जोड़ों को दो बच्‍चे पैदा करने की अनुमति दी थी। लेकिन कई कारणों से यहां जन्‍मदर में सुधार नहीं हुआ। ऐसी कई रिपोर्ट्स भी सामने आई, जिसमें बताया गया कि चीन के युवा दंपति पेशेवर और कई अन्‍य कारणों से बच्‍चे नहीं चाहते। कामकाजी महिलाओं के लिए इसमें और भी मुश्किलें सामने आ रही हैं।

इन सबके बीच चीन ने अब बच्‍चा नीति में बड़ा बदलाव करते हुए जोड़ों को तीन बच्‍चे पैदा करने की अनुमति दी है। चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में पोलित ब्यूरो की एक बैठक के दौरान इस बदलाव को मंजूरी दी गई।

चीन की बुजुर्ग होती आबादी

यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब इस महीने की शुरुआत में चीन की एक दशक में एक बार की जाने वाली जनगणना से पता चला है कि यहां 1950 के दशक के बाद से पिछले दशक के दौरान जन्‍मदर की रफ्तार सबसे धीमी रही है। आंकड़ों के मुताबिक, अकेले 2020 में यहां प्रति महिला द्वारा बच्‍चों को जन्‍म देने की औसत दर 1.3 रही, जो जापान और इटली जैसे समाजों के अनुरूप हैं, जहां की एक बड़ी आबादी बुढापे की ओर अग्रसर है।

हाल ही में आई एक अन्‍य रिपोर्ट में चीन के जनसांख्‍य‍िकीय संरचना को लेकर कहा गया कि अगर युवाओं में बच्‍चे पैदा करने को लेकर यही रूझान जारी रहा तो साल 2022 तक चीन एक 'उम्रदराज समाज' होगा, जहां हर सात में से एक शख्‍स 65 वर्ष का होगा। यह चीन के आर्थिक विकास के लिहाज से किसी भी तरह ठीक नहीं होगा और इसका सीधा असर सरकारी पेंशन फंड पर पड़ेगा। चीन की जनसांख्‍य‍िकीय संरचना को लेकर इसी तरह की चिंता बीते साल भी जताई गई थी, जब यहां जन्‍मदर में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। इसे चीन के 1961 के जन्‍म दर के जैसा बताया गया। ऐसे में चीन की परेशानी साफ समझी जा सकती है।