- सोमवार को कोरोना से संक्रमित हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
- रक्षा मंत्री के संक्रमित होने पर चीन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है
- ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि इसका असर सैनिकों के मनोबल पर पड़ेगा
नई दिल्ली : गलवान घाटी की घटना के बाद और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत की रक्षा तैयारियों से बौखलाहट में रहने वाला चीन रह-रहकर अपनी खीझ निकालता रहता है। अब उसने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कोरोना से संक्रमित होने पर बेतुका बयान दिया है। चीन के मुख पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने लिखा है कि राजनाथ सिंह के कोरोना से संक्रमित होने का असर भारतीय सेना पर पड़ेगा और जवानों का मनोबल कमजोर होगा। रक्षा मंत्री सिंह के कोरोना संक्रमित होने को सैनिकों के मनोबल से जोड़ना चीन की ओछी सोच को ही उजागर करता है।
रिपोर्ट में राजनाथ सिंह के ट्वीट का जिक्र
'ग्लोबल टाइम्स' ने राजनाथ सिंह के ट्वीट का जिक्र किया है। अपने इस ट्वीट में रक्षा मंत्री ने कहा है, 'मेरी कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मुझमे संक्रमण के हल्के लक्षण मिले हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मैंने घर में खुद को क्वरंटाइन में रखा है। मेरे संपर्क में आए लोग खुद को आइसोलेट करते हुए अपनी जांच कराएं।'
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'कोरोना संक्रमण से सैनिकों की अदला-बदली कम होगी'
'ग्लोबल टाइम्स' ने शिंघुआ यूनिवर्सिटी में नेशनल स्ट्रेटजी इंस्टीट्यूट के रिसर्च विभाग के निदेशक क्यान फेंग के हवाले से लिखा है कि भारत के इतने बड़े नेता का संक्रमित होना इस बात का संकेत देता है कि कोविड-19 की इस नई लहर ने भारत के लोगों एवं सैनिकों पर बहुत ज्यादा असर डाला है। इसका मनोवैज्ञानिक दबाव सीमा पर गतिरोध वाली जगहों पर तैनात सैनिक महसूस करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए भारत सीमा पर तैनात अपने सैनिकों की अदला-बदली बहुत सीमित संख्या में करेगा।
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बुधवार से शुरू होगी भारत-चीन के बीच सैन्य वार्ता
रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनाथ सिंह ऐसे समय संक्रमित हुए हैं जब दो दिन बाद यानि बुधवार को भारत और चीन के बीच 14वें दौर की सैन्य वार्ता शुरू होनी है। 'ग्लोबल टाइम्स' की इस रिपोर्ट में एक भारतीय न्यूज चैनल का जिक्र करते हुए लिखा है कि 'पूर्वी लद्दाख की जमा देने वाली ऊंचाइयों पर 60 हजार जवान दूसरी सर्दी बिता रहे हैं। जमीन पर स्थिति अनिश्चित है और कुछ भी हो सकता है।' क्यान का कहना है कि 'बचाव के उपायों के बावजूद भारतीय सेना में संक्रमण की दर ज्यादा होगी क्योंकि सेना में सभी स्तर के अधिकारी आइसोलेट नहीं होते।'