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ड्रैगन ने फिर दिखाई चालबाजी, अरुणाचल में 'गांव' बसाने की रिपोर्ट्स पर दिया ऐसा रिएक्‍शन

Updated Jan 22, 2021 | 00:12 IST | भाषा

पूर्वी लद्दाख में तनाव के बीच अरुणाचल प्रदेश में 'गांव' बसाने की रिपोर्ट्स पर चीन ने प्रतिक्रिया दी है। उसने अरुणाचल को लेकर अपने पुराने रुख को दोहराया है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
ड्रैगन ने फिर दिखाई चालबाजी, अरुणाचल में 'गांव' बसाने की रिपोर्ट्स पर दिया ऐसा रिएक्‍शन

बीजिंग : चीन के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि 'अपने खुद के क्षेत्र में' चीन की निर्माण गतिविधियां सामान्य हैं तथा यह पूरी तरह संप्रभुता का मामला है। मंत्रालय ने यह बात अरुणाचल प्रदेश में चीन के एक नया गांव बनाने की खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया में कही। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा, 'चीन-भारत सीमा के पूर्वी सेक्टर या जंगनान क्षेत्र (दक्षिण तिब्बत) पर चीन की स्थिति स्पष्ट और स्थिर है। हमने कभी भी चीनी क्षेत्र में अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है।'

चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है, जबकि भारत हमेशा कहता रहा है कि अरुणाचल उसका अभिन्न और अखंड हिस्सा है। चीनी विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर चुनयिंग के हवाले से अद्यतन बयान में कहा कि 'हमारे खुद के क्षेत्र में चीन का सामान्य निर्माण पूरी तरह संप्रभुता का मामला है।' एक रिपोर्ट में अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र की तस्वीरें दिखाई गई थीं, जिसमें ने कहा गया था कि चीन ने एक नए गांव का निर्माण किया है और इसमें लगभग 101 घर हैं। इसके अनुसार 26 अगस्त 2019 की पहली तस्वीर में कोई इंसानी रिहायश नहीं दिखी, लेकिन नवंबर 2020 में आई दूसरी तस्वीर में आवासीय निर्माण दिखे।

रिपोर्ट्स पर भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने इस पर सधी प्रतिक्रिया देते हुए सोमवार को कहा था कि देश अपनी सुरक्षा पर असर डालने वाली सभी गतिविधियों पर लगातार नजर रखता है और अपनी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने नागरिकों की आजीविका में सुधार के लिए सड़कों और पुलों सहित बुनियादी ढांचे का निर्माण तेज कर दिया है।

अरुणाचल प्रदेश में चीन के नया गांव स्थापित करने की खबरें ऐसे समय आई हैं जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में आठ महीने से अधिक समय से सैन्य गतिरोध बना हुआ है। दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के बाद भी गतिरोध का अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।