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क्या अरुणाचल में चीन ने बनाए हैं 101 घर? MEA का जवाब-बीजिंग इस तरह का निर्माण करता आया है

Updated Jan 19, 2021 | 08:56 IST

चीन के इस निर्माण से जुड़ी हुईं सैटेलाइट तस्वीरों पर आधारित रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन ने विगत कई वर्षों में सीमा के आसपास बुनियादी निर्माण कार्य किए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
तो क्या अरुणाचल प्रदेश में चीन ने बना लिए हैं 101 घर? -फाइल पिक्चर

नई दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश में चीन की तरफ से एक नया गांव बनाने का दावा किया गया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय क्षेत्र में चीन ने करीब 101 घरों का निर्माण किया है। रिपोर्ट में इस दावे के समर्थन में सैटेलाइट इमेज भी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस इलाके में पहले चीन की केवल एक मिलिट्री पोस्ट थी लेकिन अब उसने एक पूरा गांव बसा लिया है जिसमें हजारों लोग रह सकते हैं। भारतीय क्षेत्र में चीन की तरफ से घर बनाने की दावे वाली रिपोर्ट पर विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार से जवाब मांगा है। 

रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय ने दी प्रतिक्रिया
चीन के इस निर्माण से जुड़ी हुईं सैटेलाइट तस्वीरों पर आधारित रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन ने विगत कई वर्षों में सीमा के आसपास बुनियादी निर्माण कार्य किए हैं। स्थानीय कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भारत ने भी इस इलाके में सड़क और पुल बनाए हैं। बता दें कि अमेरिकी इमेजिंग कंपनी प्लैनेट लैब्स ने चीनी निर्माण से संबंधित तस्वीरें जारी की हैं। इन तस्वीरों के आधार पर आई मीडिया रिपोर्टों पर विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले के त्सारी चू नदी के पास 101 घरों के साथ एक गांव का निर्माण किया है। इस इलाके में अगस्त 2019 में कोई निर्माण नहीं था। गांव की ये तस्वीरें नवंबर 2020 की बताई गई हैं। 

चीन इस तरह का निर्माण कार्य करता आया है
एमईए ने अपने बयान में कहा, 'भारत के साथ लगने वाली सीमा पर चीन की ओर से निर्माण किए जाने की हाल की रिपोर्टों को हमने देखा है। चीन विगत कई सालों से बुनियादी संरचना से जुड़ी हुई इस तरह की गतिविधि करता आया है। इस इलाके में हमारी सरकार ने भी सड़क, पुल निर्माण सहित बुनियादी सुविधाओं में इजाफा किया है। इससे सीमा पर स्थानीय लोगों के साथ अत्यधिक जरूरी कनेक्टिविटी बढ़ी है।' इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा, 'यह बहुत, बहुत ही गंभीर मामला है। सैन्य टुकड़ी नहीं, पूरा एक गांव। भगवान के लिए। पीएमओ अथवा राजनाथ सिंह को देश को यह बताना चाहिए कि यह सही है या झूठ।'

'इन घरों में रह सकते हैं 2000 लोग'
सरकार की प्रतिक्रिया से ऐसा जाहिर होता है कि इस इलाके में निर्माण कार्य से जुड़ी चीन की गतिविधि कुछ समय से चल रही थी। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा विश्लेषक अभिजीत अय्यर ने कहा है, 'यह गांव भारतीय सीमा के पांच किलोमीटर भीतर बनाया गया है। इसका निर्माण नवंबर 2020 में हुआ। भारत की तरफ से इस निर्माण कार्य का विरोध नहीं हुआ। इन सभी पक्का मकानों में 2000 लोग रह सकते हैं। भारतीय भूमि पर पूरी तरह से कब्जा।' रिपोर्ट में कहा गया है कि यह गांव जिस जगह पर स्थित है, उसे लेकर भारत और चीन के बीच विवाद है। भाजपा के अरुणाचल प्रदेश के सांसद तापिर गाओ पहले भी सीमावर्ती इलाके में चीन के अतिक्रमण का मुद्दा उठा चुके हैं।    
 

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