- हुबेई में ही कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था और अब यहां महामारी का रूप ले चुका है
- हुबेई के अस्पताल अब मरीजों का इलाज करने से कर रहे हैं इंकार
- चीन ने दुनिया में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए हुबेई को किया अलग-थलग
हुबेई: संगीतकार झांग यारू की दादी की सोमवार को मौत हो गई । उन्हें बार-बार अस्पताल ने एडमिट करने से मना कर दिया था। जॉन चेन, एक ग्रेजुएट छात्र है जिसे अपनी माँ के लिए मदद की सख्त जरूरत है क्योंकि मां को तेज बुखार है और उनकी हालत ऐसी नहीं है कि वह कोरोना वायरस से जूझ रहे शहर में जांच के लिए घंटों कतार में खड़ी हो सके। सामने की लाइन में एक 30 वर्षीय डॉक्टर पिछले दो हफ्तों में केवल कुछ ही घंटे सोया है और अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है।
लोगों के चेहरे पर है खौफ
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, दिल को झकझोर कर देने वाले ये दृश्य चीन के हुबई प्रांत के हैं जिन्हें चीनी सरकार ने अपने हाल पर छोड़ दिया है। चीन के हुबेई प्रांत में अराजकता सी पैदा हो गई है और हर रोज लोगों के चेहरे पर निराशा बढ़ती जा रही है। 60 मिलियन यानि 6 करोड़ लोगों के भू-भाग वाले इसी प्रांत में कोरोनोवायरस की उत्पत्ति हुई थी और पहली बार दिसंबर 2019 में यहां से पहला मरीज पाया गया था। कोरॉना वायरस से मरने वाले 97 फीसदी लोग यहीं से हैं।
हुबेई में कोरोना से मरने वाले 97 फीसदी लोग
ऐसे समय में जब यह वायरस पूरी दुनिया में फैल गया है तो हुबेई में इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ी है और कोरोना वायरस से मरने वाले 97 फीसदी लोग यहीं से हैं। हुबेई की राजधानी वुहान है और पूरे चीन में इस वायरस से संक्रमित जितने लोग हैं उनका 67 फीसदी लोग हुबेई से ताल्लुक रखते हैं। मौत का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है जो यह दिखाता है कि फिलहाल इस वायरस का ईलाज अंसभव सा है। दुनिया भर में इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए चीन सरकार ने 23 जनवरी से प्रांत को बिल्कुल अलग-थलग कर दिया है।
23 जनवरी से लगाया प्रतिबंध
हुबेई में बढ़ते मामलों को देखते हुए चीन सरकार ने 23 जनवरी से इस प्रांत लोगों के बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है तांकि विश्व में इस वायरस को फैलने से रोका जा सके। लेकिन हुबेई एक औद्योगिक हब के रूप में भी जाना जाता है जहां कार बनाने का फैक्ट्रियां हैं।
चीन के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के पूर्व उपमहानिदेशक यांग गोंगहुआन ने बताया, 'अगर प्रांत को सील नहीं किया जाता, तो कुछ लोग देश भर में मेडिकल सहायता लेने की कोशिश करेंगे और पूरे देश को एक महामारीग्रस्त इलाके में तब्दील कर देंगे। यह युद्ध लड़ने जैसी स्थिति है।' जब डॉक्टरों ने पहली बार वायरस की पहचान कि तो किसी को अंदाजा नहीं था की यह इतनी तेजी से फैल सकता है। वायरस इतनी तेजी से फैला कि सरकार को भी समझ में नहीं आया।