- चीन के खिलाफ हमलावर अमेरिका ने एक बार फिर बीजिंग पर बड़ा आरोप लगाया है
- अमेरिका का कहना है कि चीन कोरोना वैक्सीन की जानकारी चुराने की कोशिश कर रहा है
- इस बीच WHO ने कहा है कि 7-8 टीम कोरोना वैक्सीन तैयार करने के बेहद करीब हैं
वाशिंगटन : कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर चीन के खिलाफ हमलावर अमेरिका ने एक बार फिर बड़ा आरोप लगाते हुए अपने शोधकर्ताओं को आगाह किया है। ट्रंप प्रशासन की ओर से अंदेशा जताया जा रहा है कि चीनी हैकर्स कोविड-19 के प्रभावी इलाज या इसकी रोकथाम को लेकर टीका विकसित किए जाने पर हो रहे रिसर्च से संबंधित सूचनाएं हैक कर सकते हैं। इसके लिए ट्रंप प्रशासन चेतावनी जारी करने पर भी विचार कर रहा है।
FBI ने चेताया
अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (FBI) और साइबर सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि चीन कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार और इसकी वैक्सीन तैयार करने की दिशा में हो रहे शोध से जानकारियां चुराने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए 'गैर-परंपरागत' लोगों की मदद ली जा रही है। इसमें अमेरिका में रह रहे चीनी छात्र या शोधकर्ता भी शामिल हो सकते हैं। 'वाशिंगटन पोस्ट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन हैकर्स को अमेरिकी प्रयोगशालाओं से डेटा चोरी करने के लिए सक्रिय किया जा रहा है।
वैक्सीन पर WHO ने क्या कहा?
चीन पर वैक्सीन और इलाज से जुड़े रिसर्च से संबंधित जानकारियां चुराने की कोशिश का यह आरोप ऐसे समय में लगा है, जबकि दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि टीका विकसित करने की दिशा में दुनियाभर में तेजी से काम हो रहे हैं, इसमें सात-आठ अहम दावेदार शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेडरॉस एडनॉम ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद को बताया कि पहले जहां उम्मीद की जा रही थी कि इस काम में 12 से 18 महीने का वक्त लग सकता है, वहीं हाल के दिनों में इसमें तेजी आई है।
'जल्द मिल सकती है अच्छी खबर'
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार और इसका टीका विकसित करने को लेकर 40 देशों ने 8 अरब डॉलर की मदद दी है। हालांकि यह रकम काफी नहीं है। हमें और मदद की जरूरत है, ताकि इस दिशा में काम और तेज गति से हो सके। उन्होंने कहा कि यूं तो दुनिया के विभिन्न देशों में करीब 100 टीमें वैक्सीन की दिशा में काम कर रही हैं और ट्रायल भी किए जा रहे हैं, लेकिन वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं की सात-आठ टीमें ऐसी हैं, जो कोरोना वैक्सीन बनाने की दिशा में अपने रिसर्च के अंतिम दौर में हैं और दुनिया को जल्द ही एक अच्छी खबर मिल सकती है।