- भारत ने कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने की दिशा में अहम कदम बढ़ा लिए है
- आईसीएमआर और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) मिलकर कर रहे हैं काम
- आईसीएमआर-एनआईवी टीके के विकास के लिए बीबीआईएल को उपलब्ध कराएगा मदद
नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस (Covid 19) से हाहाकार मचा हुआ है और तमाम देश इस जानलेवा वायरस की वैक्सीन खोजने में लगे हुए हैं। इटली और इजरायल ने तो दावा किया है कि उसने इस जानलेवा वायरस की वैक्सीन तैयार कर ली है। इस बीच भारत ने भी कोरोना वैक्सीन खोजने की दिशा में अहम कदम बढ़ा लिए हैं। वैक्सीन तैयार करने के लिए भारत में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने भारत बायोटेक इंटरनैशनल (बीबीआईएल) से हाथ मिलाया है।
पुणे लैब को भेजा वायरस स्ट्रेन
अगर सबकुछ स्थितियों के अनुकूल रहा तो भारत बगैर किसी देश की मदद के जल्द ही इस वैक्सीन को तैयार कर लेगा। कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने के लिए पुणे के लैब से वायरस स्ट्रेन को भारत बायोटेक को भेज दिया गया है। इसे लेकर आईसीएमआर ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि अब वैक्सीन तैयार करने की दिशा में काम किया जाएगा। अगर वैक्सीन तैयार हो जाती है तो सबसे पहले जानवरों पर इसका परीक्षण किया जाएगा।
आईसीएमआर ने कही बड़ी बात
आईसीएमआर ने जो बयान जारी किया है उसके मुताबिक, 'दोनों सहयोगियों ने वैक्सीन तैयार करने को लेकर काम शुरू कर दिया है। इस प्रक्रिया में आईसीएमआर- राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) की तरफ से भारत बायोटेक इंटरनैशनल को लगातार मदद मिलेगीष वैक्सीन को तैयार करने, जानवरों पर परीक्षण करने तथा क्लिनिकल ट्रायल को तेज करने के लिए आईसीएमआर और बीबीआईएल तेजी से मंजूरी लेते रहेंगे।'
तो भारत के लिए होगी सबसे अहम सफलता
आईसीएमआर ने कहा है कि ‘दो साझेदारों के बीच टीके के विकास पर काम शुरू हो चुका है। आईसीएमआर-एनआईवी टीके के विकास के लिए बीबीआईएल को सतत मदद उपलब्ध कराएगा।’ अगर भारत कोरोना वैक्सीन तैयार करने में सफलता हासिल करता है तो निसंदेह यह देश के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी और कोरोना के खिलाफ जारी जंग में भारत को अहम सफलता मिलेगी।
देश में हर लगभग करीब एक लाख टेस्ट
आपको बता दें कि देश में देश में अभी तक कोविड-19 के 59,662 पुष्ट मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें 17,847 लोग स्वस्थ हो गए और 1,981 लोगों की मौत हो गई है। असम और त्रिपुरा को छोड़कर पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्य ग्रीन जोन में है। इसके अलाव देश में कोरोना के मामलों की टेस्टिंग भी तेज हो गई है और यह बढ़कर 95,000 प्रतिदिन हो गई है। अभी तक 15.25 लाख से अधिक परीक्षण किए गए हैं।