- दिल्ली में पिछले 10 दिन में 50 हजार मामले सामने आए
- दिल्ली हाईकोर्ट ने व्यवस्था पर उठाए सवाल, कोरोना कैपिटल बनने का जताया डर
- दिल्ली सरकार का कहना है कि नए हालात का सामना करने के लिए बनाई जा रही है कार्ययोजना
नई दिल्ली। देश में कोरोना के कुल मामले इस समय 83 लाख के पार है, एक अच्छी बात यह है कि रिकवरी रेट में सुधार है। लेकिन बात अगर दिल्ली की करें तो हालात पिछले 10 दिन में खराब हुए हैं। औसत पांच हजार मामलों के हिसाब से सिर्फ 10 दिन में 50 हजार केस सामने आए हैं। इसे लेकर दिल्ली सरकार अलग कार्ययोजना पर काम कर रही है। बुधवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि इसे तीसरी लहर मान सकते हैं। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी भी की है। अदालत का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो दिल्ली बहुत जल्द कोरोना कैपिटल बन जाएगी।
दिल्ली हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी
जस्टिस हेमा कोहली और सुब्रमणियम प्रसाद की डिवीजन बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार को बहुत मुश्किल है और उसे जवाब देना चाहिए।महामारी के दौरान डॉक्टरों और शिक्षकों के अवैतनिक वेतन के मुद्दे पर एक टिप्पणी की गई थी। अदालत ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि सरकार एक तरफ कोरोना से निपटने की बात कर रही है तो दूसरी तरफ अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रही है। ऐसी सूरत में आप कोरोना के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ सकते हैं।
लोग कर रहे हैं ढिलाई, सरकार की नजर नहीं
सवाल यह है कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में इजाफा क्यों हो रहा है। इस सवाल के जवाब में जानकार कहते हैं कि त्योहारी सीजन की वजह से लोगों में संयम की कमी आई है। लोग सही तरह से सोशल ़डिस्टेंसिंग और मॉस्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही जिस तरह से प्रदूषण की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है उसकी वजह से केस में इजाफा हो रहा है। जहां तक सरकारी अस्पतालों की बात है तो दावों और हकीकत में फर्क है जो साफ तौर पर नजर आ रहा है।