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Covid-19 vaccines : कोरोना वैक्सीन की 'कॉकटेल' देने की तैयारी में हैं दुनिया के ये देश   

Updated Jun 03, 2021 | 09:56 IST

कई देशों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है, या वे अपनी रणनीति बदलने की सोच रहे हैं। ऐसे कई देश हैं जो कोरोना टीके की दूसरी डोज अन्य कंपनी की लगवाने की सोच रहे हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
कोरोना वैक्सीन की 'कॉकटेल' देने की तैयारी में हैं दुनिया के ये देश।
मुख्य बातें
  • कई देशों ने अलग-अलग कंपनियों के कोरोना टीका देने की तैयारी की है
  • एस्ट्राजेनेका के टीके के बाद मॉडर्ना एवं फाइजर का लग सकता है टीका
  • टीकों को मिश्रित करने को लेकर कई देशों में हो रहा क्लिनिकल ट्रायल

नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण से अपने नागरिकों को बचाने के लिए दुनिया के देश अपने यहां टीकाकरण अभियान चला रहे हैं। कई देशों में एक बड़ी आबादी को टीके का पहला डोज लगया जा चुका है लेकिन वैक्सीन के निर्माण एवं आपूर्ति में हो रही देरी से टीके की दूसरी डोज समय पर उपलब्ध होती नहीं दिख रही है। इसे देखते हुए कई देशों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है, या वे अपनी रणनीति बदलने की सोच रहे हैं। ऐसे कई देश हैं जो कोरोना टीके की दूसरी डोज अन्य कंपनी की लगवाने की तैयारी में हैं। खास बात यह है कि पहली डोज लगवाने के बाद कोविड-19 की किसी दूसरी वैक्सीन की प्रभावोत्पादकता का पता करने वाले कई अध्ययन अभी प्रक्रिया में हैं। 

कनाडा 
सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा अपने यहां कोविड के मिश्रित टीका लगाने की सिफारिश करेगा। यहां एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की पहली डोज ले चुके लोगों को फाइजर अथवा मॉडर्ना का दूसरा डोज लगाया जा सकता है। प्रतिरक्षण पर राष्ट्रीय सलाहकार समिति मॉडर्ना अथवा फाइजर का पहला टीका लगवाने वाले लोगों को दूसरी डोज इन्हीं कंपनियों का लगवाने की सलाह देगी।

चीन
क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्रेशन डाटा के मुताबिक चीन में अनुसंधानकर्ता ने गत अप्रैल में कैनसिनो बॉयलोजिक्स और चॉन्गकिंग झीफे बॉयलोजिकल प्रोडक्ट्स की एक इकाई की ओर से विकसित कोविड-19 वैक्सीन के मिश्रित टीकों की जांच कर रहे थे।

नार्वे
नार्वे ने गत 23 अप्रैल को कहा कि ऐसे लोग जो पहला डोज एस्ट्राजेनेका का लगवा चुके हैं ऐसे लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज एमआरएनए की लगेगी। 

रूस
रूस ने अपनी वैक्सीन स्पुतनिकV और एस्ट्राजेनेका के टीके को जोड़ने वाले क्लिनिकल ट्रायल्स को मंजूरी देने पर फिलहाल रोक लगा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक समिति की सिफारिश के बाद रूस ने यह कदम उठाया। 

दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया ने गत 20 मई को कहा कि वह फाइजर और अन्य टीका निर्माताओं के टीकों को एस्ट्राजेनेका के डोज के साथ मिलाने का ट्रायल करेगा। 

स्वीडन 
स्वीडन की स्वास्थ्य एजेंसी ने गत 20 अप्रैल को कहा कि 65 साल से कम उम्र के लोग जिन्हें एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है उन्हें दूसरी डोज अन्य कंपनियों की लगेगी। 

ब्रिटेन
ब्रिटेन ने गत जनवरी में कहा कि वह अत्यंत विकट परिस्थितियों में लोगों को अन्य कंपनियों के टीके की दूसरी डोज लगवाने की अनुमति देगा। ऐसा तब होगा जब पहली डोज की वैक्सीन स्टॉक में नहीं होगी।