- अमेरिका ने कोरोना के खिलाफ जारी जंग में भारत को सहयोग का फिर किया वादा
- अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा- भारत के साथ साझा कर रहे हैं महत्वपूर्ण जानाकारी
- विदेश मंत्री ने भारत के दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध को हटाने का किया स्वागत
वाशिंगटन: अमेरिका ने कहा है कि वह कोरोना के खिलाफ जारी जंग में भारत के साथ महत्वपूर्ण जानाकारिया साझा कर रहा है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, जापान सहित अन्य देशों के साथ इस बीमारी की रोकथाम के महत्वपूर्ण उपायों को लेकर जानकारी शेयर कर रहा है। पोम्पियो ने कहा कि उन्हें अमेरिका द्वारा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में किए गए कार्यों को लेकर गर्व है।
माइक पोम्पियो ने कहा, "प्रशांत द्वीप देशों में कोविड 19 के खिलाफ जारी लड़ाई का समर्थन करने के लिएअमेरिका ने 32 मिलियन डॉलर से अधिक की धनराशि प्रदान की है। हम कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र, गैर सरकारी संगठनों और अन्य लोगों के साथ काम कर रहे हैं। हम ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य और वियतनाम में अपने दोस्तों के साथ काम कर रहे हैं ताकि हम वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना शुरू कर सकें।
भारत की तारीफ
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली "महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति" पर निर्यात प्रतिबंध हटाने के लिए भारत भारत की तारीफ की। उन्होंने कहा, 'भारत के साथ मिलकर काम करने का एक उदाहरण हमारे सामने है जहां उसने महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति के निर्यात पर प्रतिबंध हटा लिया है, जिसमें कुछ कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएँ भी शामिल हैं।'
पोम्पियो ने कहा कि हमारी बातचीत निश्चित रूप से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को शामिल करती है और उन्हें सुचारू रूप से चलाती रहती है। पोम्पियों ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्थाओं को पूरी वापसी की पूरी मिल रही है।
भारत कई देशों को सप्लाई कर चुका है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन
आपको बता दें कि भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का प्रमुख निर्माता है और उसने अभी तक 55 देशों को दवा की आपूर्ति करने का वादा किया है, जिसमें भूटान, बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका और म्यांमार भी शामिल हैं। कोविड-19 थेरेपी में इस दवा का उपयोग किया जा रहा है,। भारत पहले ही संयुक्त राज्य अमेरिका, अफगानिस्तान, मॉरीशस, कजाकिस्तान, ब्राजील और सेशेल्स तक दवा पहुंचा चुका है।