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सुरक्षा परिषद में नहीं चली चीन की चाल, कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान का पैंतरा फिर फेल

Diplomatic win for India in UN over pakistan on Kashmir as Security council rejects China's proposal
Updated Jan 16, 2020 | 09:33 IST

China, Pakistan fail again on Kashmir: चीन ने अपने सदाबहार दोस्‍त पाकिस्‍तान के इशारे पर एक बार फिर कश्‍मीर का मुद्दा सुरक्षा परिषद में उठाया, पर उसकी कोशिश इस वैश्विक संस्‍था में नाकाम हो गई।

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Diplomatic win for India in UN over pakistan on Kashmir as Security council rejects China's proposalDiplomatic win for India in UN over pakistan on Kashmir as Security council rejects China's proposal
तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
कश्‍मीर पर चीन का प्रस्‍ताव औंधे मुंह गिरा
मुख्य बातें
  • पाकिस्‍तान के कहने पर चीन ने कश्‍मीर का मुद्दा सुरक्षा परिषद में उठाया था, जिसे अन्‍य सदस्‍य देशों ने नकार दिया
  • चीन ने जम्‍मू-कश्‍मीर पर भारत के फैसले के लगभग 5 महीने बाद वैश्विक संस्‍था में एक बार फिर यह मुद्दा उठाया
  • इससे पहले दिसंबर 2019 में भी चीन ने ऐसी कोशिश की थी, लेकिन उसकी वह कोशिश भी नाकाम हो गई थी

संयुक्‍त राष्‍ट्र : कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान को एक बार फिर विफलता हाथ लगी है। उसने सुरक्षा परिषद के स्‍थाई सदस्‍य और अपने 'चिरकालिक मित्र' चीन के माध्‍यम से अंतराष्‍ट्रीय मंच पर यह मसला उठाने का प्रयास किया था, लेकिन उसकी यह कोशिश नाकाम हो गई। चीन को छोड़ सुरक्षा परिषद के बाकी सभी सदस्‍य देशों ने साफ कर दिया कि यह भारत और पाकिस्‍तान के बीच का मसला है और इसे दोनों देशों को ही सुलझाना है।

चीन ने पाकिस्‍तान के कहने पर बुधवार (15 जनवरी) को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में एक बार कश्‍मीर का मुद्दा उठाते हुए इस पर चर्चा की बात कही थी। लेकिन सुरक्षा परिषद के अधिकांश सदस्‍यों ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि ये चर्चा के लिए उचित स्‍थान नहीं है। चीन ने सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में हुई एक बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया था, लेकिन इस वैश्विक संस्‍था के अन्‍य सदस्‍यों ने उसका साथ नहीं दिया।

सूत्रों के अनुसार, फ्रांस ने साफ कर दिया कि कश्‍मीर पर उसका रुख नहीं बदला है और इस मुद्दे का समाधान द्विपक्षीय तरीके से ही किया जाना चाहिए। बाद में अन्‍य सदस्‍य देशों ने भी इसी लाइन को दोहराया, जिसके कारण इस वैश्विक मंच पर कश्‍मीर का मुद्दा उठाने की पाकिस्‍तान और चीन की कोशिश नाकाम हो गई।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के स्‍थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में जो भी नतीजा आया है, वह पहले से ही अपेक्षित था। उन्‍होंने यह भी कहा कि पाकिस्‍तान के प्रतिनिधियों द्वारा जिस तरह से कश्‍मीर में हालात को 'बेहद गंभीर' होने जैसा बताने की कोशिश की गई और संयुक्‍त राष्‍ट्र जैसी वैश्विक संस्‍था में जिस तरह भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाए गए, वे सभी गलत साबित हुए।

उन्‍होंने अपने ट्विटर हैंडल पर संयुक्‍त राष्‍ट्र में विभिन्‍न राष्‍ट्रों के ध्‍वज की तस्‍वीर शेयर करते हुए लिखा, 'आज यूएन में हमारा ध्‍वज ऊंचाई पर लहरा रहा है। जिस किसी ने भी 'फाल्‍स फ्लैग' के लिए कोशिश की, उसे हमारे मित्रों ने करारा जवाब दिया है।'

यहां उल्‍लेखनीय है कि चीन ने दिसंबर 2019 भी में कश्‍मीर को लेकर सुरक्षा परिषद के बंद कक्ष में सुनवाई का प्रस्‍ताव दिया था, लेकिन अन्‍य सदस्‍य देशें ने इसे नकार दिया था। जम्‍मू-कश्‍मीर को लेकर पाकिस्‍तान तभी से बौखलाया हुआ है, जब भारत सरकार इसे विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्‍छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्‍त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्‍मू कश्‍मीर और लद्दाख में बांटने का फैसला 5 अगस्‍त, 2019 को लिया था। वह तभी इसे विभिन्‍न वैश्विक मंचों पर उठाने का प्रयास कर रहा है। हालांकि हर बार उसे मुंह की खानी पड़ रही है।