वाशिंगटन : अमेरिका का राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस यूं तो अपनी भव्यता और यहां लिए जाने वाले बड़े-बड़े फैसलों और विदेशी राष्ट्राध्यक्षों की अगवानी के लिए मशहूर है, लेकिन इस समय यह अपने टॉयलेट की वजह से चर्चा में है और इसके केंद्र में हैं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रंप जब अमेरिका के राष्ट्रपति थे तो सरकारी दस्तावेजों को फाड़कर टॉयलेट में फ्लश कर दिया करते थे, जिसकी वजह से यह चोक हो जाया करता था।
यह रिपोर्ट न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकार मैगी हैबरमैन की किताब 'कॉन्फिडेंस मैन' में व्हाइट हाउस को लेकर किए गए कई खुलासों पर आधारित है। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप जब अमेरिका के राष्ट्रपति थे तो व्हाइट हाउस का टॉयलेट कई बार चोक हो जाया करता था। सफाई के दौरान कई प्रिंटेड पेपर टॉयलेट में मिले थे। रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस के कर्मचारियों को पूरा भरोसा है कि ट्रंप ही दस्तावेजों को फाड़कर टॉयलेट में फ्लश किया करते थे।
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दावों पर क्या बोले ट्रंप?
इस रिपोर्ट को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की भी प्रतिक्रिया सामने आई है, जिन्होंने खुद पर लगे इन आरोपों से इनकार किया है और इसे झूठ का पुलिंदा बताया। ट्रंप ने इन दावों को सिरे से खारिज किया और कहा कि यह एक फर्जी कहानी है कि उन्होंने दस्तावेजों को फाड़कर टॉयलेट में फ्लश किया। यह सब कपोल-कल्पना है और ऐसा किताब की पब्लिसिटी के लिए किया गया है। उन्होंने बाइडेन प्रशासन को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि देश में कितने बुरे तरीके से काम हो रहा है।
ट्रंप ने भले ही खुद पर लगे आरोपों को नकारा है, लेकिन अमेरिकी मीडिया में यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है। एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अमेरिका में किसी भी राष्ट्रपति के कार्यकाल के कागजात नेशनल आर्काइव्स में रखे जाते हैं, लेकिन ट्रंप के कार्यकाल के अंतिम दिनों के कई दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रीय अभिलेखागार और दस्तावेज प्रशासन ने न्याय विभाग से इसकी जांच करने के लिए कहा है कि क्या पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दस्तावेजों को रखने और उनकी निगरानी से संबंधित संघीय कानून का उल्लंघन किया?