नई दिल्ली : मिस्र के पास स्वेज नहर में फंसे विशालकाय मालवाहक जहाज की तस्वीरें दुनिया भर में छाई रहीं। इस कार्गो शिप के नहर में फंसने की वजह से करीब एक सप्ताह तक इस मार्ग पर यातायात बाधित रहा। मार्ग बंद होन से दुनिया के कई हिस्सों में तेल एवं गैस की आपूर्ति प्रभावित होने लगी और इनके दाम चढ़ने लगे। जहाज के फंसने के पीछे वजह बताई गई कि तेज हवा के झोकों के चलते जहाज की दिशा बदल गई और वह दोनों किनारों पर फंस गया।
कैप्टन मारवा सेलेहदार ने बताई पूरी कहानी
अब कंटेनर शिप के फंसने के बारे में एक और कहानी सामने आई है। दरअसल, मिस्र की पहली महिला शिप कैप्टन मारवा सेलेहदार ने खुलासा किया है कि इस घटना के बाद इंटरनेट पर उनके बारे में 'फर्जी' खबर चलाई गई। इस 'फर्जी' रिपोर्ट में उन्हें नहर का मार्ग जाम करने के लिए जिम्मेदार बताया गया।
अलेक्जेंड्रिया में ड्यूटी कर रही थीं मारवा
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक दरअसल, एवर गिवेन नाम का यह कंटेनर शिप जब स्वेज नहर में फंसा था उस समय 29 साल की मारवा सैकड़ों मील दूर भूमध्यसागर के अलेक्जेंड्रिया में ड्यूटी कर रही थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, 'मैं देखकर हैरान रह गई। मुझे लगा कि मैं इस फील्ड में एक सफल महिला कप्तान हूं या मैं मिस्र से हूं, इसलिए मुझे निशाना बनाया गया। फिलहाल मुझे क्यों निशाना बनाया गया, उसके बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकती।'
कंटेनर शिप चलाती हैं
मारवा दुनिया की उन दो प्रतिशत महिलाओं में शुमार हैं जो कंटेनर शिप चलाती हैं। उन्होंने कहा, 'हमारे समाज में अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं जो नहीं चाहते कि महिलाएं अपने परिवार से दूर होकर लंबे समय तक समुद्र में मालवाहक जहाज चलाएं। लेकिन आप जिस चीज को पसंद करते हैं उसे जब आप करते हैं तो सभी की मंजूरी लेना जरूरी नहीं है।'
फर्जी खबर से सुर्खियों में आईं मारवा
दरअसल, गत 22 मार्च को संपादित तस्वीर एवं फर्जी हेडलाइन के साथ इंटरनेट पर स्क्रीनशॉट शेयर किए गए। इस रिपोर्ट में मारवा की तस्वीर नजर आई। इस 'फर्जी' रिपोर्ट ने इस बात को हवा दे दी कि स्वेज नहर में जहाज के फंसने के पीछे मारवा थीं। उन्होंने कहा, 'यह फर्जी रिपोर्ट अंग्रेजी में थी इसलिए यह अन्य देशों में फैल गई। मैंने अपना पक्ष रखने की कोशिश की क्योंकि यह रिपोर्ट मेरी प्रतिष्ठा को खराब करने वाली थी। '