- इतिहास के टीचर ने छात्रों शार्ली हेब्दो के पैगंबर मोहम्मद पर बनाए गए कार्टूनों को दिखाया था
- एक 18 साल के मुस्लिम युवक ने शुक्रवार को टीचर की गला काटकर हत्या कर दी
- इस घटना के बाद लोगों में आक्रोश, टीचर के समर्थन में आए हजारों लोग, एकजुटता जाहिर की
पेरिस : पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून विवाद में शिक्षक सैम्यूल पैटी की हत्या के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। पैटी को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग गुरुवार को पेरिस की सड़कों पर निकले और शिक्षक के साथ एकजुटता दिखाई। पैटी के समर्थन में लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। पैटी की हत्या की निंदा करने के लिए बुधवार को लोग सरकारी भवन मॉन्टपेलियर के पास जुटे। यहां भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्थानीय लोगों ने स्थानीय सरकारी इमारत पर प्रोजेक्टर के जरिए शार्ली हेब्दो के कार्टून एवं सैमुअल पैटी की तस्वीरें दिखाईं। लोगों का कहना है कि उन्होंने इसके जरिए पैटी के प्रति अपना समर्थन जताया है।
इमारतों की दीवारों पर दिखाए गए शार्ली हेब्दो के कार्टून
रिपोर्टों के मुताबिक बुधवार शाम ओकिटेनी रीजन के मॉन्टपेलियर एवं टूलहाउज इमारतों पर कार्टून एवं तस्वीरें चार घंटे से ज्यादा समय तक दिखाई गईं। शहर के मयेर कैरोल डेल्गा ने कहा, 'लोकतंत्र के दुश्मनों के खिलाफ कोई कमजोरी नहीं दिखनी चाहिए। कुछ लोग धर्म का इस्तेमाल हथियार के रूप में करना चाहते हैं। ये ऐसे लोग हैं जो गणतंत्र को खत्म करना चाहते हैं।'
मुस्लिम युवक ने टीचर का सिर कलम किया
बता दें कि शुक्रवार को एक अप्रवासी मुस्लिम आतंकवादी ने इतिहास के टीचर पैटी का सिर कलम कर दिया। पैटी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस के दौरान शार्ली हेब्दो द्वारा पैगंबर मोहम्मद के बनाए गए कार्टूनों को छात्रों को दिखाया था। इस मुस्लिम युवक ने 'अल्लाहु अकबर' बोलते हुए 47 साल के टीचर का गला रेत दिया।
हत्यारे ने दो छात्रों को पैसे दिए थे
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अभियोजकों का कहना है कि हत्यारे ने टीचर की पहचान करने के लिए दो छात्रों को पैसे दिए थे। हत्यारे की पहचान 18 वर्षीय अब्दुल्लाख अंजोरोव के रूप में हुई। इस हमले के तुरंत बाद पुलिस ने इस हमलावर को मार गिराया। अभियोजकों ने बताया कि अंजोरोव ने पैटी की पहचान करने के लिए दो छात्रों को पैसे दिए थे।
दुनिया भर में हो रही इस घटना की निंदा
फ्रांस और दुनिया भर में इस घटना की निंदा की जा रही है। फ्रांस में इस घटना के बाद लोग हैरान हैं। इस हत्या ने शार्ली हेब्दो की घटना की याद दिला दी है। फ्रांस की सरकार धार्मिक कट्टरता के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। पेरिस में एक मस्जिद को छह महीने के लिए बंद किया गया है। पैंटिन मस्जिद के प्रवेश द्वार पर एक संदेश में लिखा है कि इबादत स्थल छह महीने बंद रहेगा और जो व्यक्ति आदेश का उल्लंघन करेगा, उसे छह महीने की कैद का सामना करना पड़ेगा।