- अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस बर्बरता के कारण मौत हो गई थी
- फ्लॉयड की एक पुलिस अफसर ने घुटने से 8 मिनट तक गर्दन दबा रखी थी
- फ्लॉयड की मौत के खिलाफ के अमेरिका में बड़े पैमान पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं
नई दिल्ली: अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिला रहा है। फ्लॉयड की मिनियापोलिस शहर में पुलिस की बर्बरता के कारण मौत हो गई थी। फ्लॉयड को इंसाफ दिलाने की मांग के साथ कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कहीं लोग शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं तो कहीं गुस्सा उबलकर आगजनी का रूप ले चुका है। हालांकि, इस बीच कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिन्होंने लोगों का दिल जीत लिया है।
बर्बरता के लिए पुलिस ने मांगी माफी
मियामी की पुलिस ने घुटनों के बल बैठकर पुलिस बर्बरता के लिए प्रदर्शनकारियों से माफी मांगी है। पुलिस की इस अनोखी कोशिश का असर भी हुआ और प्रदर्शनकारियों ने हिंसा बंद कर दी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों को गले लगा लिया। वायरल तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी काफी संख्या में प्रदर्शनकारियों के सामने घुटने के बल बैठे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स का का कहना है कि इसी तरह तरह नाराज लोगों का भरोसा और दिल जीता सकता है।
कैसे शुरू हुआ प्रदर्शन?
अमेरिका में प्रदर्शन उस वक्त भड़क उठे जब एक वीडियो में पुलिस अधिकारी को आठ मिनट से अधिक समय तक घुटने से फ्लॉयड की गर्दन दबाते हुए देखा गया। बाद में चोटों के कारण फ्लॉयड की मौत हो गई। अश्वेत फ्लॉयड को एक दुकान में नकली बिल का इस्तेमाल करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। एक स्लोगन ज्यादातर लोगों के हाथों में प्लाकार्ड्स में देखा जा रहा है- 'I can't breathe' यानी 'मुझे सांस नहीं आ रही है'। फ्लॉयड ने पुलिस अफसर डेरेक कौविन से अपने आखिरी वक्त में यही गुहार लगाई थी लेकिन पुलिसकर्मी ने उन्हें छोड़ा नहीं।
करीब 40 शहरों में लगा कर्फ्यू
फ्लॉयड की 26 मई को मौत हुई थी और पिछले छह दिन से अमेरिका में आक्रोश एवं भावनाएं उबाल पर हैं। हिंसक प्रदर्शनों में अब तक कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है। हजारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि करीब 40 शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है। वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस के बंकर में शरण लेनी पड़ी है। अमेरिका में पिछले कई दशकों में अब तक के सबसे बड़ी नागरिक अशांति माने जा रहे ये हिंसक प्रदर्शन कम से कम 140 शहरों तक फैल गए हैं। कुछ प्रदर्शनों के हिंसक रूप ले लेने के बाद कम से कम 20 राज्यों में नेशनल गार्ड के सैनिकों की तैनाती कर दी गई है।