- पीटीआई की तरफ से विदेशी साजिश पर चर्चा की मांग
- विपक्ष, अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग पर अड़ा
- सुप्रीम कोर्ट में वोटिंग के लिए समय मुकर्रर किया था
पाकिस्तान की संसद में विपक्ष 176 सांसदों के साथ बैठा हुआ है। लेकिन संसद की कार्यवाही बाधित है। अड़चन इस बात को लेकर है कि विदेशी साजिश पर चर्चा क्यों ना हो। पीटीआई का कहना है कि देश के सामने यह एक बड़ा मुद्दा है तो विपक्ष चर्चा से क्यों भाग रहा है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबि सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को सुबह 10.30 से पहले अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग को संपन्न कराने के निर्देश दिए थे। ऐसे में सवाल यह है कि अगर आज वोटिंग नहीं होगी तो आगे क्या होगा। क्या इमरान खान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला कर सकता है।
वोटिंग ना होने की सूरत में
बता दें कि पाकिस्तान में किसी पार्टी या गठबंधन को सरकार में बने रहने के लिए 172 सांसदों की जरूरत है। लेकिन विपक्षी खेमे में 176 सांसदों की संख्या से साफ है कि इमरान खान के पास बहुमत नहीं है। अब सवाल है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने वोटिंग के स्पष्ट निर्देश दिए हैं तो क्या इमरान खान अदालत की तौहीन कर रहे हैं। अगर किसी वजह से वोटिंग आज नहीं होती है तो क्या इसे अदालत के आदेश का अवमानना माना जाएगा। जानकार कहते हैं कि इसे स्पष्ट तौर पर अवहेलना के तौर पर देखा जाएगा। यही नहीं नेशनल असेंबली के स्पीकर असक कैसर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। वो अपने पद से हाथ धो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट, पाकिस्तान की सरकार को बर्खास्त नहीं कर सकती है। लेकिन दूसरे रास्ते खास तौर से सेना को आदेश पालन के लिए कहा जा सकता है।
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इमरान खान के हार जाने पर
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का कहना है कि विपक्ष को विदेशी साजिश वाले विषय पर 3 घंटे के बहस से ऐतराज क्यों है। विपक्ष आखिर ऐसी क्या बात है जिसे जनता के सामने नहीं आने देना चाह रहा है। पाकिस्तान के जानकारों का कहना है कि विपक्ष तीन से चार बजे तक का इंतजार कर रहा है। ताकि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया जा सके। दूसरा सवाल यह है कि अगर इमरान खान हार जाते हैं तो क्या होगा। अगर पीएम की सीट खाली होती है तो सदन नए पीएम के चुनाव के लिए आगे बढ़ जाएगा। कोई भी सदस्य किसी नाम का प्रस्ताव कर सकता है। हालांकि किसी एक सांसद का नाम दो बार पेश नहीं किया जाएगा। एक उम्मीदवार एक नामांकन पत्र दाखिल करेगा और उम्मीदवार का नाम चुनाव के लिए सचिव को भेजा जाएगा। अध्यक्ष नामांकन की जांच करेगा। अगर जांच में वो किसी को अयोग्य ठहराता है तो कारण भी स्पष्ट करेगा।