- आवाम से बोले पीएम इमरान खान, उनकी तो कोई सुनता नहीं
- सीनेट चुनाव में पैसों के इस्तेमाल का किया जिक्र, 6 मार्च को विश्वास मत पेश करेंगे इमरान खान
- इमरान बोले- जब पता चला उसके बाद से ही वो धनबल के इस्तेमाल के खिलाफ हुए
इस्लामाबाद। इमरान खान के वित्तर मंत्री हफीज शेख को सीनेट चुनाव में हार का सामना क्या करना पड़ा कि उनके इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। विपक्ष हमलावर है और अब उनके इस्तीफे पर अड़ा हुआ है। इन सबके बीच उन्होंने अपनी आवाम को संबोधित किया जिसमें वो अपने दर्द को बयां करते आए। संबोधन की शुरुआत में कहा कि सीनेट चुनाव के बारे में बात करना और इसकी व्याख्या करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारे देश में समस्याओं को इस तरह के चुनाव के माध्यम से समझा जा सकता है।
6 मार्च को विश्वास मत का सामना करेंगे इमरान खान
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान 6 मार्च को विश्वास मत का सामना करेंगे। इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। 6 मार्च यानी शनिवार को दोपहर 12.15 मिनट पर पाकिस्तान नेशनल असेंबली में इमरान खान विश्वास मत का प्रस्ताव रखेंगे। बता दें कि अपने आवाम को संबोधित करते हुए उनका पूरा ध्यान भ्रष्टाचार पर रहा। इमरान खान ने कहा कि विपक्षी नेताओं मे देश की आर्थिक ताकत को खुद के लिए इस्तेमाल किया और उसका खामियाजा हम सब भुगत रहे हैं।
इस वजह से भारत खुशहाल हो गया
अपनी आवाम को संबोधित करते हुए इमरान खान ने बताया कि भारत क्यों खुशहाल हुआ और हम नाकाम रहे। भारत की आर्थिक खुशहाली के पीछे उन्होंने कहा कि वहां इंसाफ है जो उनकी तरक्की की मूल वजह है, और इस मंत्र को समझने में नाकाम रहे। इसके साथ ही कहा कि वो नेशनल असेंबली में विश्वास मत का प्रस्ताव लाएंगे। भले ही उन्हें हार का सामना करना पड़े या विपक्ष में बैठना पड़े वो विपक्ष के उन नेताओं को तब तक नहीं बख्शेंगे जब तक वो देश का एक एक पाई वापस नहीं कर देते हैं।
मेरी तो कोई सुनता नहीं
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी आवाम को संबोधित करते हुए अपने दर्द का इजहार किया। अपनी आवाम को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी कोई नहीं सुन रहा है। इसके साथ ही कहा कि अगर वह सत्ता में भी नहीं रहते हैं तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा देश के गद्दारों के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ते रहूंगा। कोई फैक्ट्री नहीं बनवाई है। उन्होंने कहा कि वह अपने देश का पैसा खर्च नहीं कर रहे हैं।
सीनेट चुनाव में मंत्री की हार का किया जिक्र
जब पीटीआई ने छह साल पहले सीनेट के चुनावों में भाग लिया था, तो उन्होंने महसूस किया कि उच्च सदन के चुनाव में "धन का उपयोग किया जाता है"। यह कोई नई घटना नहीं थी, उन्होंने कहा, लेकिन पिछले 30-40 वर्षों से चल रहा था।जो एक सीनेटर बन जाता है और जो बनना चाहता है वह पैसे का उपयोग करता है और वे किसे खरीदते हैं? संसद के सदस्य।इसलिए मुझे आश्चर्य हुआ जब मुझे पता चला और तब से मैंने एक अभियान शुरू किया कि हमारे लोकतंत्र के साथ क्या मजाक हो रहा है? यह कैसा लोकतंत्र है?" उन्होंने कहा, यह देखते हुए कि देश का नेतृत्व सीनेट चुनावों और संसद से उभरा है, और कानून निर्माताओं के बीच से प्रधान मंत्री और कैबिनेट सदस्यों को चुना गया है।
सीनेट चुनाव में पैसे का बोलबाला
मैं तब से हैरान था कि आप पैसे खर्च कर रहे हैं, एक सीनेटर रिश्वत देकर सीनेटर बन जाता है, और दूसरी तरफ [हैं] वे सांसद जो पैसे लेने के बाद अपना विवेक बेच रहे हैं और मतदान कर रहे हैं, फिर यह कैसा लोकतंत्र है ? तब से मैंने अपना अभियान शुरू किया और मैंने तब से कहा कि खुले मतदान होना चाहिए। इमरान खान सरकार के वित्त मंत्री हफीज शेख को सीनेट चुनाव हार का सामना करना पड़ा है, इसके बाद से विपक्ष इमरान खान के इस्तीफे की मांग कर रहा है।