इस्लामाबाद : पाकिस्तान में इमरान खान सत्ता में आने के बाद से ही विपक्ष की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। बीते कुछ समय में विपक्ष की लामबंदी और तेज हुई है, जो पाकिस्तान में 2018 में हुए आम चुनाव में धांधली का हवाला देकर प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इस बीच पाकिस्तान में हुए सीनेट के चुनाव ने इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं, जिसमें उनकी सरकार के वित्त मंत्री को हार का सामना करना पड़ा है।
इमरान खान के करीबी सहयोगी और पाकिस्तान के वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख बुधवार को हुए सीनेट चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी से हार गए। इसे इमरान खान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। खासकर ऐसे में जबकि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर शेख के लिए जीत का प्रयास किया था। इस चुनाव में यूसुफ रजा गिलानी को 169 मत मिले, जबकि शेख को 164 मत मिले। सात मत खारिज हुए। कुल 340 वोट डाले गए।
गिलानी की जीत से विपक्ष उत्साहित
गिलानी पाकिस्तान में 11 विपक्षी पार्टियों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के उम्मीदवार थे, जिसने बीते कुछ महीनों से इमरान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी भी शामिल है। पाकिस्तान की सियासत में इमरान के मंत्री के मुकाबले यूसुफ रजा गिलानी की इस जीत को पीडीएम के लिए मनोवैज्ञानिक बढ़त के तौर पर देखा जा रहा है।
गिलानी की जीत के बाद पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने प्रधानमंत्री इमरान खान से इस्तीफे की मांग की और कहा कि पाकिस्तान की लोकतंत्रिक यात्रा में एक नया दौर शुरू गया है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी लंदन से फोन कर गिलानी को जीत की बधाई दी। वहीं पीएमएल-एन उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने ट्वीट कर कहा कि इमरान खान को अब सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
विश्वास मत हासिल करेंगे इमरान खान
इस चुनाव नतीजे के बाद इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसान में खलबली मची हुई है। हालात पर चर्चा के लिए पार्टी के नेताओं ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जिसमें विश्वास मत हासिल करने का फैसला लिया गया। सीनेट चुनाव के नतीजे घोषित होने के कुछ घंटों बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पार्टी की बैठक में विचार विमर्श के बाद विश्वास मत हासिल करने का फैसला लिया गया।
यहां उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की संसद में भी दो सदन हैं। प्रथम व निम्न सदन को जहां नेशनल एसेम्बली कहा जाता है, वहीं द्वितीय व उच्च सदन को सीनेट कहा जाता है। सीनेट की 37 सीटों के मतदान बुधवार को सुबह 9 बजे शुरू हुआ था, जो शाम 5 बजे तक चला था। सीनेट के सदस्य छह वर्षों के लिए निर्वाचित होते हैं।