Imran Khan political journey : पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर रविवार को नेशनल असेंबली भंग कर दी। सत्ता बचाने की कवायद में जुटे खान ने इससे कुछ मिनटों पहले उन्हें नए सिरे चुनाव कराने की सलाह दी थी। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री फारुख हबीब ने कहा कि राष्ट्रपति अल्वी ने प्रधानमंत्री की सलाह पर नेशनल असेंबली भंग कर दी है। उन्होंने कहा कि चुनाव 90 दिनों के भीतर कराए जाएंगे। सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि मंत्रिमंडल को भंग कर दिया गया है।
क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान द्वारा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के गठन और उनके द्वारा संसद को भंग करने के अचानक उठाए गए कदम से संबंधित प्रमुख घटनाक्रम इस प्रकार हैं:-
- 1996: इमरान खान ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का गठन किया, जिसका अर्थ है न्याय के लिए आंदोलन।
- 2002: इमरान खान चुनाव जीतकर नेशनल असेंबली के सदस्य बने।
- 2013: इमरान खान दोबारा चुनाव जीतकर नेशनल असेंबली पहुंचे।
- 2018: आम चुनाव में अपनी पार्टी को जीत दिलाने के बाद इमरान खान पहली बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने।
- तीन मार्च, 2021: विपक्ष के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने सीनेट के चुनावों में पाकिस्तान के वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को हराया।
- छह मार्च, 2021: इमरान खान ने अपने वित्त मंत्री की हार के बाद नेशनल असेंबली में विश्वास मत जीता।
- आठ मार्च, 2022: पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर मौजूदा सरकार पर देश में अनियंत्रित होती महंगाई को कम करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
- 19 मार्च : इमरान खान की पार्टी ने असंतुष्ट पीटीआई सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
- 20 मार्च: नेशनल असेंबली के अध्यक्ष ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 25 मार्च को नेशनल असेंबली का सत्र बुलाया।
- 23 मार्च: प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि तीन सहयोगी उनकी सरकार के खिलाफ वोट करने का संकेत दे रहे हैं।
- 25 मार्च: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली का सत्र इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए बिना ही स्थगित कर दिया गया।
- 27 मार्च: एक विशाल रैली में इमरान खान ने अपनी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कथित तौर पर हो रही ‘साजिश’ के पीछे विदेशी ताकतों के होने का दावा किया।
- 28 मार्च: पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ ने नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
- 30 मार्च: अविश्वास मत से पहले इमरान खान की सरकार के प्रमुख सहयोगी दलों के विपक्ष के साथ चले जाने से उन्होंने बहुमत खो दिया।
- 31 मार्च: इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए संसद की बैठक।
- एक अप्रैल : इमरान खान ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में दावा किया कि उनकी जान को खतरा है। खान ने कहा कि वह डरते नहीं हैं और एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक पाकिस्तान के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
- तीन अप्रैल : नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को रोका।
- तीन अप्रैल : इमरान खान ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को नेशनल असेंबली भंग करने की सलाह दी।
- तीन अप्रैल : राष्ट्रपति अल्वी ने इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली भंग की।
इससे पहले 342 सदस्यीय संसद में बहुमत गंवा चुके प्रधानमंत्री खान ने नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी द्वारा संसद के हंगामेदार सत्र को स्थगित किए जाने के बाद देश को संबोधित किया। खान ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने के लिए आवाम को बधाई देते हुए कहा कि डिप्टी स्पीकर ने सत्ता बदलने की कोशिश और विदेशी षडयंत्र को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि मुल्क नए चुनावों के लिए तैयार रहे। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव असल में एक ‘विदेशी एजेंडा’ है। खान ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति अल्वी को नेशनल असेंबली भंग करने और नए सिरे से चुनाव कराने की सलाह दी है।