- पूर्वी लद्दाख में करीब 50 हजार भारतीय सैनिक पूरी युद्धक तैयारी में तैनात हैं
- क्षेत्र में चीन ने भी लगभग उतनी ही संख्या में सैनिकों की तैनाती की है
- दोनों पक्षों के बीच कई दौर की वार्ता के बावजूद ठोस समाधान नहीं निकला है
बीजिंग : चीन और भारत मौजूदा गतिरोध के समाधान के लिए आठ दौर की वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों से सैनिकों की वापसी के लिए 'स्पष्ट, समन्वित और गहन संवाद' बरकरार रख रहे हैं। चीनी सेना ने गुरुवार को यह जानकारी दी। चीनी और भारतीय सेनाओं ने मई में शुरू हुए सैन्य गतिरोध को दूर करने के लिए 6 नवंबर को कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत की थी।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल रेन गुओकियांग ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग के दौरान भारत-चीन सीमा पर मौजूदा स्थिति को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, 'चीन-भारत के बीच कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत के बाद से चीन-भारत सीमावर्ती इलाकों में स्थिति कुल मिलाकर स्थिर बनी हुई है।'
रक्षा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट ने रेन को उद्धृत करते हुए कहा, 'बैठक के बाद, चीन-भारत सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे पश्चिमी सेक्टरों से सैनिकों की वापसी के लिए चीन और भारत स्पष्ट व गहन संवाद तथा समन्वय बरकरार रख रहे हैं।'
युद्धक तैयारी में तैनात हैं 50 हजार सैनिक
पूर्वी लद्दाख में शून्य से भी कम तापमान वाले विभिन्न पहाड़ी स्थानों पर करीब 50 हजार भारतीय सैनिक पूरी युद्धक तैयारी में तैनात हैं। दोनों पक्षों के बीच कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के बावजूद सीमा पर गतिरोध का कोई ठोस समाधान अब तक नहीं निकला है। अधिकारियों के मुताबिक चीन ने भी लगभग उतनी ही संख्या में सैनिकों की तैनाती की है।
रेन ने कहा कि दोनों पक्षों ने दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को ईमानदारी से लागू करने और यह सुनिश्चित करने पर सहमति जताई है कि अग्रिम मोर्चों पर तैनात उनके सैनिक संयम बरतेंगे और किसी भी गलतफहमी से बचेंगे।
उन्होंने कहा, 'चीन सैन्य और कूटनीतिक माध्यमों से भारतीय पक्ष के साथ संवाद बरकरार रखने को तैयार है। हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष भी समान लक्ष्य की दिशा में ईमानदार रवैये और सकारात्मक कार्यों के जरिये चीन के साथ काम करेगा जिससे सीमावर्ती क्षेत्र में संयुक्त रूप से शांति और स्थिरता की रक्षा हो सके।'