नई दिल्ली: ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) ने हाल ही में पाकिस्तान के क्षेत्र में अंदर घुसकर अपने दो सैनिकों को सफलतापूर्वक मुक्त कराया है। अनादोलु एजेंसी के अनुसार, जवानों को ढाई साल पहले जैश उल-अदल संगठन ने बंधक बना लिया था। आईआरजीसी ने एक आधिकारिक बयान में कहा, 'ढाई साल पहले जैश उल-अदल संगठन द्वारा बंधक बनाए गए दो अगवा बॉर्डर गार्ड्स को छुड़ाने के लिए मंगलवार रात एक सफल ऑपरेशन किया गया।'
बयान में आगे कहा गया कि सैनिकों को वापस ईरान भेज दिया गया है। जैश उल-अदल द्वारा दोनों देशों के बीच सीमा पर बारह IRGC गार्डों का अपहरण कर लिया गया था। सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के मर्कवा शहर के अंदर गार्ड्स को अगवा कर लिया गया था। नवंबर 2018 में 12 सैनिकों में से पांच को रिहा कर दिया गया था बाद में पाकिस्तानी सेना ने 21 मार्च 2019 को चार को बचाया था।
क्या है जैश उल-अदल
जैश उल-अदल को तेहरान द्वारा एक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। दावा किया जाता है कि संगठन ईरानी सरकार के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष कर रहा है। जैश उल-अदल, जिसका अर्थ है न्याय की सेना। इसे जुंदल्लाह का पुनर्गठन माना जाता है, जो 2000 से ईरान के खिलाफ विद्रोह के पीछे रहा है। 2012 में सलाहुद्दीन फारूकी द्वारा स्थापित संगठन ने अक्टूबर 2017 में 12 ईरानी कर्मियों का अपहरण कर लिया था।
इस समूह की नींव के बाद से ईरान के साथ सशस्त्र संघर्ष का एक लंबा इतिहास रहा है। अक्टूबर 2013 में जैश उल-अदल द्वारा 14 ईरानी गार्डों को मार दिया गया था। समूह का दावा है कि यह ईरान में बलूच सुन्नियों के अधिकारों का बचाव करता है। फरवरी 2014 में पांच ईरानी सैनिकों का अपहरण कर लिया गया और उन्हें पाकिस्तान के अंदर ले जाया गया, जिसके बाद ईरान ने चेतावनी दी कि वह अपने कर्मियों को बचाने के लिए सेना भेजेगा।