- पिछले 11 दिनों से इजरायल और फलस्तीन के बीच जारी है हमलों का दौर
- हमास ने इजरायल के शहरों को निशाना बनाते हुए रॉकेट से हमले किए
- गाजा पट्टी पर पर पिछले कई दिनों से बमबारी कर रही है इजरायल की वायु सेना
नई दिल्ली : इजरायल और फलस्तीन के बीच संघर्ष के 11 दिन बीत गए हैं लेकिन तनाव कम होने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र सहित दुनिया के कई देशों ने इजरायल और फलस्तीन से संयम बरतने एवं सीजफायर करने की अपील की है लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का इरादा अभी सुलह कायम करने के पक्ष में नहीं है। नेतन्याहू ने कहा है कि 'हमास के खिलाफ उनकी कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि इजरायली नागरिकों की शांति और सुरक्षा सुनिश्चित नही हो जाती। इजरायल के लड़ाकू विमानों ने गुरुवार सुबह गाजा सिटी पर हवाई हमला जारी रखा। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल की ओर से अब तक हुए हमलों में 38 महिलाओं, 64 बच्चों सहित 227 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हुई है। जबकि इजरायल की तरफ 12 लोगों के मारे जाने की खबर है।
सैन्य क्षमता के लिहाज से काफी ताकतवर है इजरायल
इजरायल एक ताकतवर देश है। सैन्य क्षमता और आधुनिक तकनीक के मामले में हमास उसके सामने कहीं नहीं टिकता फिर भी वह इजरायल से टकरा रहा है। इजरायल के पास ताकतवर वायु सेना, ड्रोन और तेज-तर्रार खुफिया एजेंसी है। इजरायल आसानी से गाजा सिटी में हमास के ठिकानों को निशाना बना लेता है। दरअसल, हमास के ज्यादातर ठिकाने नागरिक आबादी वाली जगहों पर है। इन जगहों को इजरायल जब निशाना बनाता है तो आम नागरिक की भी जान जाती है।
हमास के पास ज्यादा दूरी तक मार करने वाले हथियार नहीं
हमास के पास ज्यादा लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार नहीं हैं। फिर भी उसके पास छोटी दूरी तक मार करने वाली अलग-अलग रेंज की कई मिसाइलें हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक उसकी कसाम मिसाइल की रेंज 10 किलोमीटर, कुद्स 101 की 16 किलोमीटर, ग्राद की 55 किलोमीटर, एम-75 की 75 किलोमीटर, फज्र की 100 किलोमीट तक, आर-160 की 120 किलोमीटर और एम-302 की मारक क्षमता 200 किलोमीटर बताई जाती है।
तेल अवीब को भी निशाना बना सकता है हमास
हमास के पास इस तरह की मिसाइलें और हथियार मौजूद हैं जो यरूशलम, तेल अवीव और इजरायल के घनी आबादी वाले तटवर्तीय इलाकों निशाना बना सकते हैं। दरअसल, 11 दिनों की अब तक की हमलों में हमास ने इजरायल की तरफ 1000 से ज्यादा रॉकेट हमले किए हैं लेकिन 90 प्रतिशत से ज्यादा हमलों को इजरायल की आयरन ड्रोन डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया है।
तस्करी के जरिए हमास तक पहुंचे हैं हथियार
हमास के पास इजरायल की तरह उन्नत हथियार तो नहीं हैं लेकिन उसके पास रॉकेट ओर मोर्टार हमले की अलग-अलग क्षमताएं हैं जो इजरायल के कई शहरों को निशाना बना सकती हैं। रिपोर्टों में कहा जाता है कि हमास के पास जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल भी है जिसे तस्करी के जरिए लाया गया है। बताया जाता है कि इस मिसाइल को मिस्र के सिनाई द्वीप से सुरंग के जरिए लाया गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक समझा जाता है कि फलस्तीन ने हाल में कोरनेट गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल का इस्तेमाल इजरायल के खिलाफ किया है।
अल अक्सा मस्जिद से शुरू हुआ ताजा विवाद
बता दें कि पूर्व येरूशलम स्थित अल अक्सा मस्जिद में लोगों के नमाज पढ़ने से रोके जाने के बाद इजरायल और फलस्तीन के बीच हिंसा का नया दौर शुरू हुआ है। मुस्लिम जगत के लिए अल अक्सा मस्जिद मक्का और मदीना के बाद तीसरा सबसा बड़ा स्थल है। रमजान के दौरान यहां नमाज पढ़ने के लिए बढ़ी संख्या में फलस्तीनी जुटते आए हैं लेकिन इस बार इजरायल अपनी सुरक्षा को खतरा बताते हुए लोगों को नमाज पढ़ने से रोक दिया।
फलस्तीन के समाज में गहराई से बसा है फलस्तीन
मस्जिद परिसर में इजरायल सुरक्षाकर्मियों ने धावा बोला जिसके बाद हिंसा की शुरुआत हुई। फलस्तीन के चरमपंथी सशस्त्र गुट हमास ने इजरायल को निशाना बनाते हुए रॉकेट हमले शुरू किए। इजरायल हमास को आतंकवादी संगठन मानता है जबकि गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाला हमास एक राजनीतिक संगठन के रूप में भी काम करता है। फलस्तीन के समाज में वह गहराई से रचा बसा है।