रोम: इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने विश्वास मत में सत्तारूढ़ गठबंधन के मुख्य सहयोगी दलों के हिस्सा नहीं लेने के बाद बृहस्पतिवार को पद से इस्तीफा दे दिया।उन्होंने अपने इस्तीफे के जरिये देश में जल्द चुनाव कराए जाने की संभावना के संकेत दिये हैं। वहीं, इस नाजुक समय में इटली और यूरोप के लिए अनिश्चितता का नया दौर शुरू हो गया है।
द्रागी की राष्ट्रीय एकता वाली सरकार बृहस्पतिवार को उस समय बिखर गयी जब दक्षिणपंथी, वामपंथी और पॉपुलिस्ट (लोकलुभावन वादे करने वाले) दलों के उनके गठबंधन सहयोगियों ने विधायिका को उसका कार्यकाल पूरा करने देने और कोविड-19 महामारी से उबरने के लिए यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रम के लिए एक साथ आने की प्रधानमंत्री की अपील ठुकरा दी।
इसके बजाय मध्य-दक्षिणपंथी दलों फोर्जा इतालिया और लीग तथा पॉपुलिस्ट 5-स्टार मूवमेंट ने सीनेट में विश्वास मत का बहिष्कार किया, जो द्रागी की 17 महीने की सरकार के साथ उनका गठबंधन खत्म होने का स्पष्ट संकेत है।
'ला स्टेम्पा' अखबार ने शीर्षक में लिखा, 'शर्मनाक'।
द्रागी ने मैत्तरेला के इस्तीफा देने से पहले संसद के निचले सदन 'चैम्बर ऑफ डिप्युटीज' में उनसे कहा, 'इस दौरान एक साथ मिलकर किए गए सभी कामों के लिए शुक्रिया।'वहीं, इटली के अखबारों ने बढ़ती महंगाई और ऊर्जा की कीमतों से निपटने, यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध और अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने के लिए 200 अरब यूरो की यूरोपीय संघ की निधि के शेष हिस्से को हासिल करने के लिए आवश्यक सुधारों को लेकर एक स्वर में अपनी नाराजगी जतायी। 'ला स्टेम्पा' अखबार ने शीर्षक में लिखा, 'शर्मनाक'। ला रिपब्लिका ने लिखा, 'इटली के साथ विश्वासघात किया गया'। कोरेरा डेला सेरा ने कहा, 'द्रागी सरकार की विदाई'।