वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन के बीच तीखी जुबानी जंग देखने को मिली। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर खूब आरोप-प्रत्यारोप किए। दोनों नेताओं के बीच वैचारिक मतभेद इतना ज्यादा है कि राष्ट्रपति बनने के पहले दिन ही बाइडन ने ट्रंप के कई महत्पूर्ण फैसलों को पलट दिया। ट्रंप बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में भी शरीक नहीं हुए लेकिन उन्होंने अगले राष्ट्रपति के लिए एक 'पत्र' छोड़ा। यह 'पत्र या नोट' बाइडन को बहुत पसंद आया है। बाइडन का कहना है कि ह्वाइट हाउस छोड़ने से पहले ट्रंप ने उनके लिए एक पत्र छोड़ा है। यह पत्र 'बहुत ही उदार एवं दरियादिली दिखाने वाला है।'
अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बने हैं जो बाइडन
बाइडन ने बुधवार को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण करने के बाद वह सीधे ह्वाइट हाउस स्थित अपने ओवल ऑफिस पहुंचे। यहां ओवल ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए बाइडन ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने मेरे लिए बहुत ही दरियादिली दिखाने वाला एक पत्र लिखा है। यर मेरे लिए एक निजी पत्र है। ट्रंप से एक बार बात करने के बाद ही मैं इस पत्र के बारे में कुछ कह पाऊंगा।' अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह बयान तीन एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर करने के बाद दिया। बाइडन ने जिन तीन एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए उनमें सरकारी जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य, जलवायु परिवर्तन समझौते पर अमेरिका की वापसी शामिल है।
पहले दिन 17 एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए
ओवल ऑफिस में पहले दिन बाइडन का समय काफी व्यस्त दिखा। उन्होंने कुल 17 एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर दस्तखत किए। इस दिन ओवल ऑफिस की सजावट में कुछ बदलाव भी हुए। बाइडन उसी रोजोल्यूट डेस्क पर बैठे नजर आए जिस पर ट्रंप, बराक ओबामा सहित अन्य राष्ट्रुपति काम कर चुके हैं। बाइडन राजनीति में मार्टिन लूथर किंग और रॉबर्ट एफ केनेडी से प्रेरित मानते हैं, इन दोनों नेताओं की अर्ध प्रतिमा बाइडन के कार्यालय में लगाई गई।
शपथ गहण समारोह में शरीक नहीं हुए ट्रंप
यूएस कैपिटल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में ट्रंप शरीक नहीं हुए। वह बुधवार तड़के फ्लोरिडा स्थित अपने रिसॉर्ट के लिए रवाना हो गए। शपथ ग्रहण करने के बाद बाइडन ह्वाइट हाउस पहुंचे और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फेडरल एजेंसियों के करीब 1000 कर्मचारियों को शपथ दिलाई। इन कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बाइडन ने कहा कि 'हमें इस देश की आत्मा को फिर से बहाल करना है और इसके लिए मैं आप लोगों पर निर्भर हूं। आप मेरे साथ काम करते हुए किसी सहयोगी का अपमान नहीं करेंगे। किसी के बारे में गलत बातें नहीं करेंगे। यदि ऐसा करता कोई पाया गया तो मैं उसे तत्काल नौकरी से निकाल दूंगा। सभी को मर्यादा दिखानी होगी क्योंकि पिछले चार वर्षों में यह चीज यहां से नदारद रही है।'