कुआलालंपुर : मलेशिया में एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मलेशियाई सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह को सोमवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसकी घोषणा उन्होंने ट्विटर के जरिये की। 94 वर्षीय महातिर ने 2018 में नजीब रज्जाक को हराकर सत्ता संभाली थी और दुनिया के सबसे बुजुर्ग प्रधानमंत्री के तौर पर जाने जाते थे। इससे पहले वह 1981 से 2003 तक मलेशिया के प्रधानमंत्री रहे और लगातार चार दशकों तक इस देश की राजनीति के केंद्र में रहे।
सत्ता के लिए खींचतान बनी वजह!
मलेशियाई प्रधानमंत्री के अचानक इस्तीफे की वजह गठबंधन साझीदार 72 वर्षीय अनवर इब्राहिम के साथ पिछले कुछ समय से जारी खींचतान को बताया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2018 के चुनाव में जब पैक्ट ऑफ होप गठबंधन को जीत मिली थी, तब उसमें यह तय हुआ था कि कुछ समय बाद सत्ता अनवर को सौंपी जाएगी, लेकिन बाद में महातिर की पार्टी इससे मुकर गई। महातिर की पार्टी बरसातू ने गठबंधन से अलग होने की घोषणा की है, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वे विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर फिर से सत्ता में वापसी के प्रयास कर सकते हैं।
महातिर फिर बना सकते हैं सरकार
राजनीतिक खींचतान के बीच अनवर के द्वारा भी विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश की बातें सामने आ रही हैं। उनकी सुल्तान से मुलाकात की बात भी सामने आ रही है। माना जा रहा है कि वह सुल्तान से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं और उन्हें यकीन दिला सकते हैं कि उनके पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त बहुमत है। गौरतलब है कि महातिर और अनवर के संबंध पहले से भी अच्छे नहीं रहे हैं और यहां की सियायत में दोनों पुराने प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन 2018 के चुनाव में उन्होंने हाथ मिला लिया था।
कैसे रहे हैं भारत से संबंध
मलेशिया हाल के दिनों में कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त करने और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर चर्चा में आया था। महातिर ने भारत के फैसलों का विरोध किया था और पाकिस्तान के साथ समर्थन जताया था। सीएए पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा था कि अगर इसी तरह के कदम मलेशिया उठाए तो क्या होगा? इससे अफरा-तफरी व अस्थिरता की स्थिति पैदा हो सकती है। उनकी इस टिप्पणी पर भारत ने ऐतराज भी जताया था इसे देश के आंतरिक मामलों में दखल बताया था।
महातिर कश्मीर पर भारत के फैसले को लेकर भी आपत्ति जता चुके हैं, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और आपसी व्यापार भी प्रभावित हुआ। इसके बाद महातिर मोहम्मद और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की दोस्ती भी खूब सुर्खियों में रही।