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पाकिस्‍तान में सिखों पर सितम, अराजक तत्‍वों ने अब भाई तारू सिंह के गुरुद्वारे को बताया मस्जिद

Updated Jul 26, 2020 | 13:52 IST

Injustice with Sikhs in Pakistan: दिल्‍ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने पाकिस्‍तान में सिख समुदाय के लोगों के साथ अन्‍याय का मुद्दा उठाया है।

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पाकिस्‍तान में सिखों पर सितम, अराजक तत्‍वों ने अब भाई तारू सिंह के गुरुद्वारे को बताया मस्जिद
मुख्य बातें
  • पाकिस्‍तान में सिख समुदाय के लोगों के साथ अन्‍याय का मुद्दा फिर सामने आया है
  • दिल्‍ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस बारे में ट्वीट किया है
  • इसके अनुसार, पाकिस्‍तान में अब भाई तारू सिंह के गुरुद्वारे को मस्जिद बताया जा रहा है

इस्‍लामाबाद : पाकिस्‍तान हिन्‍दू, सिख, ईसाई सहित तमाम अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लोग किस हालात में रह रहे हैं और वे किस तरह खौफ के साये में जीते हैं, इसकी कई रिपोर्ट सामने आ चुकी है। अब एक बार फिर यहां ऐसा ही मामला सामने आया है, जो यहां रह रहे सिखों के साथ अन्‍याय को दर्शाता है। अब  यहां भाई तारू सिंह के शहीद स्‍थान के मजिस्‍द शहीद गंज होने का दावा किया जा रहा है।

सिखों में रोष

भाई तारू सिंह, सिखों के बीच वह नाम हैं, जिसे इस समुदाय के लोग गर्व से लेते हैं। सिख धर्म के इतिहास में उनका नाम काफी सम्‍मान से लिया जाता है। यही वजह है कि पाकिस्‍तान में रह रहे सिखों के बीच उनका यह गुरुद्वारा पूजनीय रहा है। लेकिन अब कुछ अराजक तत्‍वों ने यहां उत्‍पात मचाते हुए दावा किया है कि यह स्‍थान मस्जिद का है। उन्‍होंने यहां सिखों को नहीं आने की चेतावनी भी दी, जिस पर सिख समुदाय में रोष है।

सिरसा ने किया ट्वीट

दिल्‍ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट कर इस संबंध में अपनी बात रखी। उन्‍होंने पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को टैग करते हुए यह भी कहा कि अगर भाई तारू सिंह के गुरुद्वारे के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ की जाती है और दुनियाभर में सिख समुदाय के लोग इसे बर्दाश्‍त नहीं करेंगे और इसका जोरदार विरोध करेंगे।

उन्‍होंने भारत सरकार से भी आग्रह किया कि वह इस मसले को पाकिस्‍तान के साथ उठाए। सिरसा ने कहा कि भाई तारू सिंह के गुरुद्वारे पर जाकर सिख समुदाय को धमकाने वालों ने उन्‍हें अपशब्‍द भी कहा। उन्‍होंने वीडियो भी ट्वीट किया, जिसमें एक शख्‍स को धमकियों के बारे में बात करते देखा और सुना जा सकता है।

यहां उल्‍लेखनीय है कि सिख धर्म में भाई तारू सिंह का नाम मुगलकाल के दौरान इस्‍लामिक कट्टरपंथ के आगे घुटने नहीं टेकने वाले सूरमा के तौर पर लिया जाता है। बताया जाता है कि उस समय जब मुगल अधिक से अधिक लोगों को इस्‍लाम कबूल करने पर मजबूर कर रहे थे, भाई तारू सिंह ने इस अत्‍याचार को मंजूर नहीं किया।