- अगले हफ्ते माइक पोंपियो भारत का दौरा करने वाले हैं
- भारत के साथ साथ श्रीलंका और मालदीव भी जाएंगे पोंपियो
- कर्ज के जाल में फंसे हुए है श्रीलंका और मालदीव
नई दिल्ली। भारत-चीन तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो का अगले हफ्ते भारत का दौरा अहम है। हाल ही में चीन ने एक तरह से भारत और अमेरिका को धमकी दी है कि अगर उसके हितों के खिलाफ काम करने की कोशिश हुई तो वो चुप नहीं बैठेगा। वो अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर कार्रवाई भी कर सकता है। बड़ी बात यह है कि माइक पोंपियो भारत के दौरे के क्रम में श्रीलंका और मालदीव भी जाएंगे। दरअसल किस तरह से ऋण के जाल में फंसा कर श्रीलंका और मालदीव को चीन अपने कब्जे में रखना चाहता है, यह जगजाहिर है। इसके अलावा अगर दक्षिण चीन सागर के संबंध में यह सर्वविदित है कि हिंद महासागर पर जिसका नियंत्रण होगा वो चीन को कमजोर करने में कामयाब होगा।
चीन के साथ जिसके संबंध खराब, अमेरिका उसके साथ
अमेरिकी विदेश विभाग में डेप्यूटी असिस्टेंट सेक्रेचरी डीन थामसन का कहना है कि चीन के साथ जिन देशों के किसी तरह के विवाद हैं उनको एक मंच पर लाना है। चीन ने जिस तरह से अपनी कुटिल नीति के जरिए अपने प्रभाव को बढ़ा चुका है या बढ़ाने की कोशिश कर रहा है उसे रोकना है। चीन की सीमा से लगने वाले देशों पर हमारा खास ध्यान है।
भारत के खिलाफ चीन की उकसावे वाली हरकत
इसके अलावा अमेरिका का कहना है कि कर्ज की नीति के जरिए जिस तरह से चीन कमजोर देशों को परेशान कर रहा है वो हमारे लिए महत्वपूर्ण विषय है। जहां तक भारत की बात है तो ट्रंप प्रशासन का मानना है कि लद्दाख इलाके में चीन की तरफ से जानबूझकर उकसाने वाली कार्रवाई की गई थी। अगर आज की तारीख में देखें तो यह बात सच है कि चीन बातचीत के टेबल पर है लेकिन जमीन पर उसकी नीयत साफ नहीं है। अगर ऐसा होता तो चीन की तरफ से एलएसी के पास स्थाई निर्माण जैसी बात ना होती।