- तीन दिनों की रूस यात्रा पर मॉस्को पहुंचे हैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
- चीन के साथ तनाव के समय काफी अहम मानी जा रही है उनकी यात्रा
- रूस से अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली एस-400 की आपूर्ति में हुई है देरी
मॉस्को : वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ बने तनाव के बीच भारत की अन्य देशों के साथ अपनी कूटनीतिक बातचीत जारी है। इसी क्रम में अपनी तीन दिनों की रूस यात्रा पर मॉस्को पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को म्यांमार के सैन्य प्रमुख जनरल मिन आंग लेंग के साथ शिष्टमंडल स्तर की बातचीत की। लद्दाख में चीन के साथ बने गतिरोध के बीच म्यांमार के सैन्य प्रमुख के साथ रक्षा मंत्री की यह बैठक काफी अहम है क्योंकि म्यांमार भारत का पड़ोसी देश है और चीन इस देश पर अपना प्रभाव एवं पकड़ बनाने की हमेशा कोशिश करता आया है।
तीन दिनों की यात्रा पर रूस पहुंचे हैं राजनाथ सिंह
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक आरएमओ ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने मॉस्को में म्यांमार के सैन्य प्रमुख जनरल मिन आंग लैंग के साथ बैठक की।' बता दें कि राजनाथ सिंह की रूस की भव्य सैन्य परेड कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए रूस गए हैं। रूस द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी पर मिली अपनी जीत का इस साल 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस सैन्य परेड में बुधवार को भारत के तीन सेनाओं के एक सैन्य दस्ते ने भी हिस्सा लिया। मॉस्को के रेड स्क्वॉयर चौक पर आयोजित इस सैन्य परेड समारोह में राजनाथ सिंह ने शिरकत की और उन्होंने भारतीय दल का मार्च पास्ट देखा।
कल परेड समारोह में मौजूद थे रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री ने भारतीय दस्ते के मार्च पास्ट की तस्वीरें ट्वीट कीं। अपने ट्वीट में राजनाथ ने कहा, 'भारतीय दस्ते का मार्च पास्ट देखकर गर्व से सीना चौड़ा हो गया।' मंगलवार को राजनाथ सिंह की रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी इवानोविक बोरिसोव के साथ बैठक की। राजनाथ ने इस बैठक को काफी सार्थक एवं सकारात्मक बताया। बता दें कि भारत बड़े पैमाने पर रूस से हथियारों की खरीद करता है।
रूस से एस-400 का सौदा हुआ है
रूस से वायु रक्षा प्रणाली एस-400 खरीदने के लिए भारत ने सौदा किया है। समझा जाता है कि भारत ने रूस से एस-400 की आपूर्ति शीघ्र करने के लिए कहा है। इसके अलावा भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने रूस से सुखोई 30 एमकेआई, मिग-29 सहित लड़ाकू विमान खरीदने का रक्षा प्रस्ताव तैयार किया है। समझा जाता है कि इस प्रस्ताव के बारे में भी रूस से बातचीत हुई है। लद्दाख में बढ़ते तनाव के बीच चीन ने रूस से भारत को हथियारों की आपूर्ति न करने के लिए कहा है लेकिन मॉस्को ने उसकी यह अपील ठुकरा दी। चीन पहले ही रूस से एस-400 खरीद चुका है।