- लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है
- पाकिस्तान ने 'टेरर फंडिंग' मामले में उसे 17 जुलाई को गिरफ्तार किया था
- भारत ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई को पहले ही दिखावा करार दिया है
लाहौर : मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद टेरर फंडिंग मामले में पाकिस्तान की जेल में बंद है, जिसे भारत पहले ही 'दिखावे' की कार्रवाई करार दे चुका है। हाफिज भले ही जेल में बंद है, वह अपनी गतिविधियां जेल के भीतर से ही जारी रखे हुए है। अब जेल में रहते हुए उसके बिचौलिये की भूमिका निभाने की बात भी सामने आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, हाफिज ने लाहौर की कोट लखपत जेल में पुलिस और संदिग्ध एटीएम चोर की हिरासत में मौत के मामले में बिचौलिये की भूमिका निभाई। एटीएम चोरी के संदिग्ध सलाहुद्दीन अयुबी की बीते माह पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त था। आरोप है कि पुलिस की प्रताड़ना से हिरासत में उसकी मौत हो गई।
हिरासत में सलाहुद्दीन की मौत के बाद उसके परिवार के लोगों में पुलिस व प्रशासन के प्रति जबरदस्त आक्रोश था। बताया जाता है कि टेरर फंडिंग मामले में 17 जुलाई से ही लाहौर की अतिसुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में बंद हाफिज ने बीते सप्ताह मृतक के परिजनों से मुलाकात की थी और उन्हें 'अल्लाह के वास्ते' सलाहुद्दीन को प्रताड़ना देने वाले पुलिसकर्मियों को माफी देने के लिए मना लिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, हिरासत में कथित तौर पर पुलिस की प्रताड़ना से दम तोड़ने वाले आरोपी एटीएम चोर के परिजन हाफिज के 'अनुयायी' हैं और इसे देखते हुए ही प्रशासन ने उनकी मुलाकात का प्रबंध किया। बताया जाता है कि हाफिज ने मृतक के परिजनों के समक्ष तीन विकल्प रखे: 1) वे आरोपी पुलिसकर्मियों से इसके लिए हर्जाना लें, 2) अल्लाह के वास्ते उन्हें माफ कर दें और 3) उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।
रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के परिजनों ने दूसरे विकल्प को चुना और हाफिज की बात मानते हुए 'अल्लाह के वास्ते' आरोपी पुलिसकर्मियों को माफ कर दिया। लश्कर-तैयबा के संस्थापक व संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित आतंकी हाफिज ने पुलिसकर्मियों से भी यह आश्वासन लिया कि विवाद के निपटारे के तौर पर वे गुजरांवाला में सड़क निर्माण करेंगे और पीड़ित के गांव तक गैस की आपूर्ति भी सुनिश्चित करेंगे।