नई दिल्ली : म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की को चार साल की सजा हुई है। देश की एक अदालत ने कोरोना नियमों का उल्लंघन करने एवं सेना के खिलाफ असंतोष भड़काने के आरोप में यह सजा सुनाई है। इस सजा के बाद सू की देश में चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। सेना द्वारा समर्थित सरकार ने देश में साल 2023 में चुनाव कराने का वादा किया है। इससे पहले एक कोर्ट ने सू की की पार्टी के दो सदस्यों को भ्रष्टाचार के आरोप में 90 एवं 75 साल की सजा सुनाई है।
सू की के खिलाफ अन्य मामले भी हैं
सू की के खिलाफ भ्रष्टाचार एवं आपराधिक मामलों की भी सुनवाई चल रही है। हालांकि, सू की के समर्थकों का कहना है कि उनकी नेता के खिलाफ मामले जानबूझकर बनाए गए हैं। लोगों की कोशिश सैन्य तख्तापलट को जायज ठहराने की है।
चुनाव में धांधली कराने का आरोप
म्यामांर में गत नवंबर में हुए चुनाव में सू ची की पार्टी को एकतरफा जीत मिली थी, जबकि सेना से संबद्ध दल को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। सेना ने मतदान में धंधली का आरोप लगाया था।
प्रदर्शनों में 1,300 लोगों की जान गई-रिपोर्ट
गत फरवरी में सेना ने चुनी गई नागरिक सरकार का तख्तापलट कर दिया। इसके बाद से सू की नजरबंद हैं। इस तख्तापलट के बाद हुए प्रदर्शनों पर सेना ने सख्ती दिखाई। सेना की कार्रवाई में बड़ी संख्या में लोग मारे गए। सू की पर चुनाव में धांधली करने का आरोप है। साल 1991 में शांति का नोबेल पुरस्कार जीतने वाली सू की फरवरी 2021 तक देश की सरकार की प्रमुख थीं। रिपोर्टों में कहा गया है कि तख्तापलट के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में अब तक 1,300 नागरिकों की जान गई है जबकि 7,000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया। जबकि बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं।