- नाटो के रुख से यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की नाराज
- नाटो ने यूक्रेन को नो फ्लाइ जोन घोषित करने से किया मना
- जेलेंस्की बोले इस फैसले के बाद जो लोग मरेंगे उसके लिए नाटो होगा जिम्मेदार
रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज 10वां दिन है। 10 दिन की लड़ाई में रूस और यूक्रेन दोनों दावे और प्रतिदावे कर रहे हैं। शुक्रवार यानी 4 मार्च की लड़ाई में जब रूस ने यूक्रेन स्थित सबसे बड़े जपोरिजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट को निशाना बनाया तो बड़े खतरे का अंदेशा जताया जाने लगा। इन सबके बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अपने उन मददगार देशों से खफा हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वो तमाशा देख रहे हैं। जेलेंस्की ने नाटो देशों से अपील की थी कि वो यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करे। लेकिन नाटो ने ऐसा करने से मना कर दिया है। नाटो के निर्णय के बाद जेलेंस्की ने कहा कि अब जो भी लोग मरेंगे उसके लिए नाटो ही जिम्मेदार होगा।
यूक्रेन को तबाह करने का मिली खुली छूट
जेलेंस्की ने कहा कि नाटो के इस रुख से रूस को यूक्रेन के शहरों और गांवों पर बम बरसाने की खुली छूट मिल गई है। पोलैंड जाने की खबर पर उन्होंने कहा कि वो कहीं नहीं गए हैं। वो कीव में है और यूक्रेन छोड़कर नहीं जा रहे हैं। नाटो को पता है कि रूस अभी और ज्यादा हमला करेगा। ऐसी सूरत में जब सबको पता है कि नए हमले और मौतें होंगी तो नाटो का फैसला समझ के बाहर है।
सब कुछ पता होने के बाद नहीं मिल रही मदद
जेलेंस्की ने नाटो से अपनी पीड़ा और नाराजगी दोनों जाहिर की। उन्होंने कहा कि आप लोगों के इस फैसले से लोग मारे जाएंगे। आपकी कमजोरी और यूक्रेन को अलग थलग करने के रुख से तबाही और बढ़ेगी। नाटो का शिखर सम्मेलन बहुत कमजोर और भ्रमित करने वाला है। यह एक ऐसा सम्मेलन रहा जिसमें अलग अलग राय थी। सभी लोग जानते हैं कि इस समय यूक्रेन का दुश्मन नंबर 1 कौन है। लेकिन जिस तरह से नाटो देशों ने आगे बढ़ने का फैसला किया है उससे निराशा हाथ लगी है।
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