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भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर नेपाल ने जारी किया बयान, जताई ये उम्मीद

Nepal Prime Minister KP Sharma Oli
Updated Jun 20, 2020 | 17:59 IST

Nepal on India-China border dispute: भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर नेपाल ने बयान जारी किया है। नेपाल ने कहा है कि दोनों देशों को विवादों को शांतिपूर्ण तरीकों से हल किया जाना चाहिए।

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Nepal Prime Minister KP Sharma OliNepal Prime Minister KP Sharma Oli
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली
मुख्य बातें
  • भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर नेपाल ने रखा अपना पक्ष
  • नेपाल ने जोर दिया है कि दोनों देश शांतिपूर्ण तरीके से विवाद को हल करें
  • गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव पर नेपाल ने बयान जारी किया है। नेपाल ने उम्मीद जताई है कि दोनों देश शांतिपूर्ण तरीकों से अपने आपसी मतभेदों को सुलझा लेंगे। नेपाल के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है, 'नेपाल को विश्वास है कि हमारे मित्र पड़ोसी भारत और चीन अच्छे पड़ोसी की भावना में, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और विश्व शांति और स्थिरता के पक्ष में शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से अपने आपसी मतभेदों को हल करेंगे।'

बयान में कहा गया है, 'नेपाल का कहना है कि देशों के बीच विवादों को शांतिपूर्ण तरीकों से हल किया जाना चाहिए। नेपाल हमेशा क्षेत्रीय और विश्व शांति के लिए मजबूती से खड़ा रहा है। हमारे मित्र पड़ोसी भारत और चीन के बीच गालवान घाटी क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों के संदर्भ में नेपाल को भरोसा है कि दोनों पड़ोसी देश अच्छे पड़ोसी की भावना से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और विश्व शांति और स्थिरता के पक्ष में शांतिपूर्ण तरीकों से अपने आपसी मतभेदों को हल करेंगे।' 

एलएसी पर भारत और चीन के बीच पिछले महीने की 5 तारीख से विवाद बना हुआ है। इस बीच बातचीत के जरिए दोनों देश इस विवाद को सुलझाने में लगे हुए थे। लेकिन 15 जून की रात दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। 

नेपाल से भी बढ़ रहा तनाव!

वहीं दूसरी तरफ हाल के दिनों में भारत और नेपाल के बीच भी तनाव सामने आया है। इसके पीछे कारण है कि नेपाल ने उस नए नक्शे को मंजूरी दी है, जिसमें भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा इलाकों को नेपाल में दिखाया गया है। भारत ने नेपाल के इस कदम को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि वह ऐसे किसी कदम को नहीं मानता है। नेपाल का यह कदम भारत के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित कर सकता है।