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कोरोना वायरस ने दुनिया भर में ली 33 हजार से ज्यादा लोगों की जान, संकट में अमेरिकी स्वास्थ्य व्यवस्था

Updated Mar 30, 2020 | 17:23 IST

कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद से दुनिया में इस बीमारी के अबतक आधिकारिक रूप से सात लाख से अधिक मामले सामने आए हैं और मृतकों की संख्या 33 हजार से अधिक है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
दुनिया भर में कोरोना वायरस से 33 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
मुख्य बातें
  • दुनिया भर में कोरोना वायरस से मृतकों की संख्या 33 हजार से ज्यादा
  • अमेरिका में इस बीमारी ने 25 हजार से ज्यादा लोगों की ली जान
  • इटली में सबसे ज्यादा 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत

पेरिस/वाशिंगटन: कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद से दुनिया में इस बीमारी के अबतक आधिकारिक रूप से सात लाख से अधिक मामले सामने आए हैं और मृतकों की संख्या 33 हजार से अधिक है। सोमवार को आधिकारिक सूत्रों के आधार पर यह आंकड़ा तैयार किया गया। इस आंकड़े के अनुसार 183 देशों और क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण के कम से कम 7,15,204 मामले सामने आए जिनमें से 33,568 मरीजों की मौत हो गई है।

एएफपी द्वारा तैयार किए गए आंकड़े के मुताबिक अमेरिका में इस बीमारी के 1,43,025 मामले सामने आए हैं और 2,514 मरीजों की जान चली गई है। इटली में इस रोग के 97,689 मामले दर्ज किए गए हैं और 10,779 मरीजों की मौत हुई है। दुनिया में इस बीमारी से सबसे अधिक जानें इटली में ही गई हैं। चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के 81,470 मामले सामने आए और 3,304 मरीजों की मौत हो गई। इस वायरस के संक्रमण का मामला सबसे पहले चीन में ही आया था। ये आंकड़े संक्रमण के कुल मामलों का संभवत: महज एक हिस्सा प्रदर्शित करते हैं क्योंकि कई देशों में जब किसी को गंभीर लक्षणों के साथ अस्पतालों में भर्ती किया जाता है तभी ऐसे संदिग्ध मामलों में परीक्षण किया जाता है।
 
 दुनियाभर में मशहूर अमेरिकी स्वास्थ्य व्यवस्था कोरोना वायरस के चलते गहरे संकट में फंस गई है। चिकित्सा पेशेवरों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में हजारों रोगियों को तत्काल देखभाल की जरूरत पड़ेगी, जिसके मद्देनजर फुटबलॉल के मैदानों, सम्मेलन केन्द्रों और घुड़दौड़ के मैदानों को अस्थायी अस्पताल बनाया जा रहा है।ट्रंप प्रशासन ने इस खतरनाक स्थिति से निपटने के लिए अपने सभी संसाधन झोंक दिए हैं। प्रशासन ने बढ़ते मरीजों के इलाज के लिए सेवानिवृत चिकित्सकों से मदद मांगी है। सेना की इंजीनियर कोर पूरे देश में युद्धस्तर पर अस्थायी अस्पताल बनाने में जुटी है।

बेहतरीन स्वास्थ्य केन्द्र सेवाओं का केन्द्र न्यूयॉर्क गहरे संकट में फंसा हुआ है। स्वास्थ्य अधिकारियों को डर है कि जंगल में आग की तरह फैल रहे कोरोना वायरस से पूरे अमेरिका में कई शहरों में ऐसे ही हालात पैदा हो सकते हैं। आने वाले दिनों में अस्पतालों में संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ने की आशंका के मद्देनजर कई शहरों में हजारों अतिरिक्त बिस्तरों, वेंटिलेटरों और अन्य चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है। सेना ने अस्थायी अस्पताल बनाने शुरू कर दिए हैं। सम्मेलन केन्द्रों और खेल के मैदानों को अस्पतालों में परिवर्तित किया जा रहा है।

न्यूयॉर्क में इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर प्रकृति गाबा ने कहा, ''कोरोना वायरस के कुछ गंभीर मरीजों को डायलिसिस की जरूरत है, लेकिन हमारे पास पर्याप्त मशीनें नही हैं। मेरे हिसाब से हमने अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को इतने बुरे दौर से गुजरते कभी नहीं देखा... परिवार के लोगों को मौत की खबर देना दिल तोड़ने वाला होता है।'स्वास्थ्य अधिकारियों को आशंका है कि आने वाले दो महीनों में अमेरिका में मरीजों की संख्या कई लाख तक पहुंच सकती है, जिनमें से हजारों मरीजों को तत्काल देखभाल और आईसीयू की जरूरत होगी।