- 9/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन की भतीजी ने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया है
- ओसामा की भतीजी नूर बिन लादेन का यह समर्थन ऐसे समय में आया है, जबकि अमेरिका में नवंबर में चुनाव है
- अलकायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने एक अभियान के दौरान मई 2011 में मार गिराया था
बर्न : अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले मौजूदा राष्ट्रपति व चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को अलकायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन की भतीजी ने समर्थन दिया है। अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 को हुए भयावह आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार ओसामा की भतीजी ने यह भी कहा कि अगर 9/11 जैसी घटनाओं को रोकना है तो ट्रंप अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए सही उम्मीदवार हैं।
स्विट्जरलैंड में पली-बढ़ी ओसामा की भतीजी का ट्रंप के लिए यह समर्थन ऐसे समय में आया है, जबकि आज 9/11 की बरसी मनाई जा रही है और अमेरिका में नवंबर में होने वाले चुनाव को लेकर रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी अपने-अपने अभियानों को धार देते हुए मतदाताओं को लुभाने में जुटी हुई है। ओसामा की भतीजी ने यह भी कहा कि वह 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' का कैप भी पहनती हैं, भले ही लोग उन्हें 'बेवकूफ' कहते हैं।
ट्रंप की फैन हैं नूर बिन लादेन
नूर बिन लादेन (33), ओसामा के सौतेले भाई व कारोबारी येसलाम बिन लादेन और स्विस लेखिका कार्मेन दफॉर की बेटी हैं। उनका यह भी कहना है कि चाचा और उसके समर्थकों ने जब 9/11 की वारदात को अंजाम दिया था, उनका परिवार इससे बहुत आहत हुआ था। तब उनकी उम्र बहुत छोटी थी, पर इस भयावह हमले के जख्मों को उन्हों तब भी महसूस किया था और यह हमेशा के लिए उनके साथ एक दु:स्वप्न की तरह जुड़ गया।
नूर बिन लादेन के मुताबिक, वह तभी से ट्रंप की प्रशंसक हैं, जब उन्होंने पहली बार 2015 में कहा था कि वह राष्ट्रपति चुनाव लड़ने जा रहे हैं। मिरर यूके की रिपोर्ट के मुताबिक, नूर ने जहां ट्रंप का खुलकर समर्थन किया, वहीं उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा व मौजूदा चुनाव में डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बाइडेन को लेकर अपनी नाखुशी भी जाहिर की और दावा किया कि अलकायदा के बाद इस्लामिक स्टेट का प्रभाव ओबामा और तब अमेरिका के उपराष्ट्रपति रहे बाइडेन के कार्यकाल में ही बढ़ा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य में किसी भी बड़े आतंकी हमले को रोकने के लिए जरूरी है कि राष्ट्रपति चुनवा में एक बार फिर से चुने जाएं।
यहां उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने 2 मई, 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में एक खुफिया अभियान के दौरान ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। तब अमेरिका में बराक ओबामा राष्ट्रपति थे। 9/11 के आतंकी हमले के करीब एक दशक बाद अमेरिका को यह सफलता मिली थी।