- नवंबर में ही रिटायर होंगे जनरल कमर जावेद बाजवा
- डीजी आईएसपीआर ने की पुष्टि
- कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार को लेकर थीं अटकलें
पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल को लेकर कई तरह की खबरें आती रही हैं कि उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। लेकिन आईएसपीआर के डीजी ने सभी संभावनाओं पर अंतिम विराम दे दिया है। इसका अर्थ है वो नवंबर में रिटायर हो जाएंगे। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बाजवा इस साल नवंबर में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
सेवा विस्तार की नहीं मांग कर रहे हैं कमर जावेद बाजवा
मेजर इफ्तिखार को द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के हवाले से कहा गया था कि इसे आराम करने दो। सेनाध्यक्ष न तो विस्तार की मांग कर रहे हैं और न ही वह विस्तार स्वीकार करेंगे। कोई बात नहीं वह 29 नवंबर 2022 को सेवानिवृत्त होंगे। बाजवा नवंबर 2016 से पाकिस्तानी सेना के सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। हाल में पाकिस्तान के राजनीतिक घटनाक्रम और इमरान खान के बयानों पर पाकिस्तान की सेना ने अपील करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों और पब्लिक के मुद्दो के बीच सेना को राजनीति में नहीं घसीटने के लिए कहा।
लोगों और सेना के बीच दरार का प्रयास देश हित के खिलाफ
पाकिस्तान की सेना ने कहा कि लोगों और सशस्त्र बलों के बीच दरार पैदा करने का कोई भी प्रयास राष्ट्रीय हित के खिलाफ है। डीजी आईएसपीआर ने बताया कि सेना और उसके नेतृत्व के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाया जा रहा है। यह कुछ दिनों के बाद आया जब पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि देश की सेना को बदनाम करने के लिए हालिया प्रचार अभियान चलाया गया था। यह बयान रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय में आयोजित 79वें फॉर्मेशन कमांडरों के सम्मेलन के बाद जारी किया गया।
देश की हिफाजत के पाक सेना हमेशा तैयार
उच्च स्तरीय बैठक में देश के सेना के कोर कमांडर, प्रमुख स्टाफ अधिकारी और पाकिस्तान के थल सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल कमर जावेद बाजवा ने भाग लिया।इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान सेना को बदनाम करने और संस्था और समाज के बीच विभाजन पैदा करने के लिए हाल के प्रचार अभियान पर ध्यान दिया। पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग ने कहा कि राष्ट्र की राष्ट्रीय सुरक्षा पवित्र है। आईएसपीआर ने कहा कि पाकिस्तानी सेना इसकी रक्षा के लिए हमेशा सरकारी संस्थानों के साथ खड़ी रही है और हमेशा रहेगी।