- काला सागर में तैनात है रूसी युद्धपोत मोस्कवा
- मोस्कवा को यूक्रेन ने मार गिराने का दावा किया है
- रूस की तरफ से बयान गोला बारूद में आग से मोस्कवा को नुकसान
रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई का कोई नतीजा नहीं निकला है। यह बात अलग है कि दोनों देश अलग अलग तरह के दावे कर रहे हैं। इन सबके बीच यूक्रेन की तरफ से जो बात कही जा रही है वो परेशान करने वाली है। क्या दुनिया तीसरे विश्व के युद्ध की साक्षी बनेगी। दरअसल यह सवाल इसलिए गंभीर हो चला है क्योंकि काला सागर में रूस का जंगी युद्धपोत मोस्कवा धूं धूं जलकर तबाह हो गया। यूक्रेन का दावा है कि उसके नेप्चून मिसाइल में मोस्कवा को तबाह कर दिया। हालांकि रूस इससे इनकार कर रहा है।
मोस्कवा को नेप्चून से मार गिराने का यूक्रेनी दावा
यूक्रेन के साथ जंग की शुरुआत में काला सागर में तैनात मोस्कवा के जरिए रूस लगातार मिसाइलें दाग रहा था और यह एक तरह से यूक्रेन के लिए परेशानी का शबब था। लेकिन यूक्रेन का कहना है कि उसकी मिसाइल ने मोस्कवा के रडार सिस्टम को धोखा देने में कामयाब रहा। ओडेसा में तैनात यूक्रेनी सैनिकों ने मोस्कवा की गतिविधि के बारे में बायरक्तार ड्रोन से जानकारी हासिल की और नेप्चून मिसाइल से तबाह कर दिया।
एक नजर मोस्कवा पर
- यह युद्धपोत करीब 600 फुट लंबा है
- इसका वजन करीब 12500 टन
- रूस ने 1979 में इसे सेना में शामिल किया
- करीब 500 सैनिक हर वक्त रहते हैं तैनात
- इस युद्धपोत पर एस-300 मिसाइल की तैनाती की गई है।
क्या है जानकारों की राय
जानकारों का कहना है कि युद्ध के 50वें दिन जिस तरह से यूक्रेन ने बड़ा झटका देने का दावा किया है अगर वो सही है तो कीव और दूसरे शहरों पर रूसी हमले में तेजी आएगी। बड़ी बात यह है कि जिस समय मोस्कवा युद्धपोत धूं धूं कर जल रहा था तो ठीक उसी समय कीव में हवाई हमले का सायरन बजा। खास बात यह है कि सायरन कई दिनों के बाद बजा था। वैसे तो रूस का कहना है कि मोस्कवा हादसा किसी मिसाइल हमले से नहीं हुआ था बल्कि गोला बारूद में लगी आग से हुआ। लेकिन इसकी वजह से रूसी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। अभी यह पाना मुश्किल है कि रूस इसका जवाब किस तरह से देगा। इन सबके बीच रूस के रक्षा मंत्री एक बयान परेशान करने वाला है जिसमें उन्होंने कहा था कि जिस तरह से यूक्रेन की तरफ से रूसी इलाकों में नुकसान पहुंचाया जा रहा है उसे हम गंभीरता से ले रहे हैं।