- पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने किया चीन का दौरा
- कश्मीर मुद्दे पर शाह महमूद कुरैशी का दावा- समर्थन करेगा चीन
- भारत के आंतरिक मुद्दे पर पाकिस्तान ने अलापा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का राग
नई दिल्ली: कश्मीर में भारत की ओर से किए गए बड़े आंतरिक बदलावों को लेकर पाकिस्तान का राग लगातार जारी है। वह लगातार इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाहता है लेकिन फिलहाल कोई भी देश खुलकर भारत के खिलाफ पाकिस्तान के पक्ष में नहीं आया है। अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया है कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान का साथ देने का वादा किया है। दरअसल पाकिस्तानी विदेश मंत्री इस समय चीन के दौरे पर हैं और भारत सरकार की ओर से जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जे से संबंधित अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के बाद समर्थन हासिल करने यहां पहुंचे।
कुरैशी ने दावा किया है कि चीन और पाकिस्तान की गहरी दोस्ती के बीच चीन के विदेश मंत्री ने वांग यी ने पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर समर्थन का आश्वासन दिया है। इस बारे में शाह महमूद कुरैशी ने एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'आज मैंने स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ एक मजबूत और निर्णायक बैठक की। पाकिस्तान ने चीन के साथ भाईचारे के रिश्ते को आज की बैठक में आगे बढ़ाया गया, जहां चीन ने पाकिस्तान को फिर से समर्थन और प्रतिबद्धता का भरोसा दिलाया है।'
अगले ट्वीट में पाकिस्तानी विदेश मंत्री लिखते हैं, 'विदेश मंत्री वांग यी ने स्वीकार किया है कि भारत का कश्मीर पर आक्रामक रुख कश्मीर के लोगों को कमजोर बना रहा है, साथ ही पूरे क्षेत्र को जोखिम में डाल रहा है।' यूएन में समर्थन की बात का जिक्र करते हुए कुरैशी ने तीसरे ट्वीट में लिखा, 'चीन शांति और स्थिरता के लिए पाकिस्तान के पक्ष का बार-बार समर्थन करता रहा है और हम कश्मीरियों की आवाज को दुनिया के सामने उजागर करने के लिए मिलकर काम करेंगे।'
इससे पहले पाकिस्तान में वरिष्ठ चीनी राजनयिक लिजियान झाओ ने ट्विटर पर लिखा था कि कुरैशी स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी तथा अन्य चीनी नेताओं से मुलाकात करेंगे। उन्होंने लिखा था, ‘बहुत कम समय में यात्रा की योजना बन गई है। इसीलिए हमें आयरन ब्रदर्स कहा जाता है।’
गौरतलब है कि भारत में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बीते 5 अगस्त यानी सोमवार को राज्यसभा पहली बार जानकारी देते हुए बताया था कि राष्ट्रपति के आदेश से जम्मू कश्मीर में धारा 370 के प्रावधानों को खत्म किया जा रहा है। साथ ही राज्य के पुर्नगठन के बिलों को सोमवार और मंगलवार को संसद के दो सदनों में पास कराया गया। इसके अनुसार जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा जाएगा- जम्मू कश्मीर और लद्दाख।
जम्मू कश्मीर की केंद्र शासित प्रदेश रहते हुए अपनी विधानसभा भी होगी जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी। पाकिस्तान ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत की कार्रवाई को एकतरफा और गैरकानूनी करार दिया था और इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने की बात कही थी। चीन ने भारत और पाकिस्तान को बाचचीत के जरिए मामला सुलझाने की सलाह दी थी।