- आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान की माली हालत हुई और खस्ता
- इमरान सरकार राजधानी के सबसे बड़े पार्क को गिरवी रखने पर कर रही है विचार
- इस पार्क को गिरवी रखकर इमरान लेंगे 500 अरब रुपये का कर्ज
इस्लामाबाद: विश्व के कई देशों के कर्ज के तले दबा पाकिस्तान अब राजधानी इस्लामाबाद स्थित सबसे बड़े पार्क को गिरवी रखने पर विचार कर रहा है। इमरान सरकार को उम्मीद है कि इस पार्क को गिरवी रखने से उन्हें 500 अरब रुपये का लोन मिल जाएगा। यह पार्क इस्लामाबाद के एफ-9 सेक्टर में स्थित है। पार्क को गिरवी रखने के प्रस्ताव को मंगलवार को होने वाली इमरान कैबिनेट की बैठक के एजेंडे में शामिल किया गया है। बैठक वीडियो लिंक सम्मेलन प्रणाली के माध्यम से आयोजित की जाएगी जिसे प्रधानमंत्री आवास और कैबिनेट प्रभाग के एक समिति कक्ष में आयोजित किया गया है।
सबसे बड़े पार्क को रखेगा गिरवी
पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार, वित्तीय दिक्कतों के कारण सरकार ने बांड जारी करने के माध्यम से 500 अरब रुपये का ऋण प्राप्त करने के लिए देश की राजधानी के एफ -9 पार्क को गिरवी रखने का फैसला किया है। राजधानी विकास प्राधिकरण ने इस संबंध में पहले ही अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी कर दिया है। इससे पहले भी पाकिस्तान अपने कई संस्थानों, इमारतों और सड़कों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बांडों के माध्यम से ऋण प्राप्त करने के लिए गिरवी रखा चुका है।
जिन्ना की बहन के नाम पर है पार्क
F-9 पार्क (फातिमा जिन्ना पार्क) 759 एकड़ भूमि पर फैला एक सार्वजनिक मनोरंजन पार्क है। यह पार्क पाकिस्तान के सबसे बड़े हरे भरे क्षेत्रों में से एक है। इसका नाम मदार-ए-मिलत फातिमा जिन्ना के नाम पर रखा गया है जो पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की बहन हैं। पाई-पाई को तरस रहे पाकिस्तान लगातार दुनिया के विभिन्न देशों से लोन लेते जा रहा है और इस वजह से उसकी आर्थिक हालात और बदतर हो गई है। रही सही कसर कोरोना वायरस की वजह से पूरी हो गई है जिसने पाकिस्तान को दिवालिया बनाने के कगार पर पहुंचा दिया है।
कई देशों से ले चुका है पैसा
इससे पहले पाकिस्तान ने सऊदी अरब से भी कर्जा लिया था लेकिन बाद में पाकिस्तान की एक हरकत के कारण उसने अपना कर्ज वापस मांग लिया। इसके बाद पाकिस्तान ने अपने दोस्त चीन से पैसे लेकर सऊदी अरब का कर्ज चुकाया। अब चीन भी पाकिस्तान को कर्ज देने से आनाकानी कर रहा है ऐसे में इमरान के सामने चुनौतियां और बढ़ गई हैं।