- जावेद मियांदाद ने पाकिस्तान को कर्जमुक्त बनाने का पेश किया प्लान
- न्यूक्लियर पावर और बम को बचाने की दे रहे हैं दुहाई
- विदेश में रहने वाले पाकिस्तानियों से मुल्क को बचाने के लिए मांग रहे हैं भीख
कराची: पाकिस्तान के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज जावेद मियांदाद इन दिनों सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने कुछ दिनों पहले कहा था कि उनके पास एक ऐसा प्लान है जिससे पाकिस्तान पूरी तरह कर्ज मुक्त हो सकता है लेकिन वो इस आइडिया को पीएम इमरान खान के साथ साझा करेंगे।
ऐसे में उनका एक वीडियो और वायरल हो रहा है जिसमें वो विदेश में रहने वाले पाकिस्तानियों के सामने झोली फैलाकर भीख मांगते दिख रहे हैं। इस वीडियो में उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान को अब कोई पैसा देने को तैयार नहीं है। यदि पाकिस्तानी उनकी मदद नहीं करेंगे तो पाकिस्तान को अपना न्यूक्लियर पावर का दर्जा भी गंवाना पड़ सकता है। उनकी नजर में मुल्क के हालाता बहुत ज्यादा खराब हो गए हैं।
भीख अपने लिए नहीं पाकिस्तान के लिए मांग रहा हूं
ऐसे में मियांदाद ने अपील करते हुए कहा, मैं मानता हूं हमारे लोगों ने बहुत पैसा खाया और बहुत कुछ किया। उन बातों को छोड़ दें। मैं उन लोगों से भी रिक्वेस्ट करता हूं क्योंकि मैं एक प्लान लेकर आ रहा हूं और आप लोगों से भीख मांगने जा रहा हूं। जिनके पास पैसा है वो खुदा के वास्ते वो इस मुल्क को दे दो।' उन्होंने आगे कहा, विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी मुझसे और इस देश से बहुत मोहब्बत करते हैं। उनके परिवार वाले मां-बाप भाई बहन सब चाहने वाले यहां रहते हैं। मैं भीख अपने लिए नहीं पाकिस्तान के लिए मांग रहा हूं। भीख अगर आप न समझें तो इसे चैरिटी ही समझें।'
चुकाएंगे आईएमएफ का लोन
पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास के महान खिलाड़ियों में से एक मियांदाद ने अपने प्लान के बारे में बताते हुए कहा, मैं अपने नाम से नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान में एक खाता खोलूंगा। वो इंटरनेशनल एकाउंट होगा। मैं अपने अलावा इसमें किसी और को हाथ नहीं लगाने दूंगा। मेरा मेन मकसद ऐसा करने का आईएमएफ का लोन उतारना है। मैं विदेश में रहने वाले पाकिस्तानियों से कहना चाहूंगा कि आपने हमेशा पाकिस्तान का साथ दिया है। इस बार भी दें।'
छिन जाएगा न्यूक्लियर पावर का तमगा
मियांदाद को लग रहा है कि पाकिस्तान से कर्ज की आड़ में न्यूक्लियर पावर नहीं रहने दिया जाएगा। इस बारे में उन्होंने कहा, अब मुझे ऐसा नजर आ रहा है कि बहुत कुछ बड़ा होने जा रहा है। मैं आपसे एक मुश्त पैसा नहीं मांग रहा। मैं चाहता हूं कि हर महीने आप एक डॉलर से लेकर जितना आप दे सकें दें। हम सभी मुसलमानों को एक होना पड़ेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे पास एक एटम बम के रूप में एक ऐसी चीज है जिसे बचाना है। मेरा मानना है कि अगर आज हम आईएमएफ या किसी और से पैसा मांगने जाएंगे तो वो हमारी न्यूक्लियर पावर खत्म करवाकर ही बात मानेंगे। क्योंकि बात अब इतनी ऊपर चली गई है कि पाकिस्तान को कोई पैसा देने को तैयार नहीं है।'