- इमरान खान का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह विपक्षी नेता बिलावल की मिमिक्री करते नजर आ रहे हैं
- इमरान खान इससे पहले भी बिलावल को 'साहिबा' कह कर पीपीपी नेता का मखौल उड़ा चुके हैं
- इमरान खान की सरकार पाकिस्तान में कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसके कारण उन पर चौतरफा हमले हो रहे हैं
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने ही देश में कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिनमें उनके खिलाफ विपक्ष का अभियान भी शामिल है। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के भारत के फैसले के बाद जहां विपक्ष इमरान खान से सवाल कर रहा है, वहीं पाकिस्तान के पीएम को इसे लेकर दुनियाभर से समर्थन की गुहार लगाने के बाद भी किसी का साथ नहीं मिला।
इन्हीं हालातों के बीच इमरान खान का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल जरदारी भुट्टो का मजाक उड़ाते हुए उनकी मिमिक्री करते नजर आ रहे हैं। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वह बिलावल के ही एक बयान का माखौल उड़ा रहे हैं, जिसमें वह कहते सुने जा रहे हैं कि पीपीपी नेता ने ऐसा बयान दिया है, जिससे दुनियाभर के वैज्ञानिक खोज के लिए प्रेरित हुए हैं।
बिलावल के बोलने के तरीके का मजाक उड़ाते हुए इमरान इस वीडियो में व्यंग्यात्मक लहजे में कहते सुने जा रहे हैं कि उनकी थ्योरी से आइंस्टीन भी डर गए हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि बिलावल खुद को लिबरल (उदारवादी) कहते हैं, वास्तव में वह 'लिबरली करप्ट' है। इमरान इससे पहले भी बिलावल को 'साहिबा' कहकर उनका मजाक उड़ा चुके हैं, जिसके कारण वह सोशल मीडिया पर ट्रोल भी हुए। उनके इस बयान को 'लिंग भेदी' करार देते हुए इंटरनेट यूजर्स ने उन्हें आड़े हाथों लिया था।
यहां उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान इन दिनों कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसके कारण इमरान खान पर चौतरफा हमला हो रहा है। पाकिस्तान के आर्थिक हालात बदहाल हैं तो कश्मीर पर भारत के फैसले को लेकर भी विपक्ष हमलावर है। इमरान पर निशाना साधते हुए बिलावल ने कहा था कि पहले पाकिस्तान की नीति यह होती थी कि श्रीनगर को भारत से कैसे लिया जाए, लेकिन अब चिंता इस बात की है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की राजधानी मुजफ्फराबाद को कैसे बचाया जाए।
बिलावल ने कुछ समय पहले नवाज शरीफ की बेटी व पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की नेता मरियम नवाज से भी मुलाकात की थी, जिसके बाद ऐसी अटकलों को बल मिला कि दोनों विपक्षी पार्टियां इमरान के खिलाफ हाथ मिला सकती हैं। इमरान के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता इस्लामाबाद में उनकी सरकार के खिलाफ चल रहे 'आजादी मार्च' के दौरान भी देखने को मिल रही है।
जमीयत-उलेमा-ए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान की अगुवाई में इस महीने की शुरुआत से ही जारी जोरदार प्रदर्शन को पीपीपी के साथ-साथ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) भी समर्थन दे रही है। मौलाना ने इमरान पर देश को बेच देने का आरोप लगाते हुए उन्हें इस्तीफे के लिए अल्टीमेटम भी दिया। हालांकि इमरान ने 'आजादी मार्च' के प्रदर्शनकारियों पर भी निशाना साधा और कहा कि वे प्रदर्शन के नाम पर 'सर्कस' कर रहे हैं।
खुद को 'धरना एक्सपर्ट' करार देते हुए इमरान खान ने कहा कि ये प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद में एक महीने भी नहीं रह सकते, जबकि खुद उन्होंने वर्ष 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ 126 दिनों तक विरोध मार्च निकाला था। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी नेताओं के मकसद सही नहीं हैं और इसलिए उन्होंने कंटेनरों में धरना की राजनीति का सहारा लिया है। उन्होंने कहा कि जिस किसी को भी भ्रष्टाचार के मामले में जांच का डर था, वही कंटेनरों में छिप गए।