- पाकिस्तानी रूपया , डॉलर के मुकाबले 222 के स्तर पर पहुंच गया है।
- पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुए उप चुनावों में PTI को 20 में 18 सीटें जीतकर हासिल हुई है।
- पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
Pakistan Election Imran Khan: जिस तरह भारत में यह कहा जाता है कि दिल्ली की सत्ता यूपी से होकर गुजरती है, कुछ उसी तरह की पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का भी इस्लामाबाद की सत्ता से नाता है। अभी अप्रैल में विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटाए गए इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने जोरदार वापसी की है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुए उप चुनावों में PTI को 20 में 18 सीटें जीतकर हासिल हुई है। अहम बात यह है कि पंजाब प्रांत पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) का गढ़ है। ऐसे में शहबाज शरीफ के लिए यह बड़ा झटका है। जीत से उत्साहित इमरान खान भी अब यह दबाव बनाने लगे हैं कि पाकिस्तान में जल्द चुनाव कराए जाएं।
इमरान खान ने क्या कहा
उप चुनाव के परिणाम आने के बाद पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सिकंदर सुल्तान राजा से इस्तीफा देने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने पीएमएल-एन के पक्ष में राज्य मशीनरी के इस्तेमाल के बावजूद पंजाब उपचुनाव जीता । ऐसे में देश की समस्या का एकमात्र समाधान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएमएल-एन के सत्ता में आने के बाद से हमारे विदेशी मुद्रा भंडार आधा हो गया है। आईएमएफ (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) के साथ समझौते के बावजूद, रुपये में गिरावट आ रही है।
डॉलर के मुकाबले 222 पर पहुंचा पाकिस्तानी रूपया
पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है। और उसका असर यह हुआ है कि आईएमएफ से समझौता करने के लिए पाकिस्तान सरकार को कई कड़े फैसले लेने पड़े हैं। जिसका असर उप चुनावों में दिखा है। द डॉन के मुताबिक मंगलवार को दोपहर में पाकिस्तानी रूपया ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। और वह डॉलर के मुकाबले 222 के स्तर पर है। इसी तरह पेट्रोल 15 जुलाई को 230.24 रूपये प्रति लीटर और डीजल 236 रूपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। और पाकिस्तान का विदेशी कर्ज 2021-22 की पहली तीन तिमाही में 10.886 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। और उसका विदेशी मुद्रा भंडार सिंगल डिजिट (करीब 6 अरब डॉलर) में आ गया है। हालत यह है कि पाकिस्तान में विदेशी शैंपू से लेकर दूसरे लग्जरी उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके पहले बृहस्पतिवार को आईएमएफ के साथ पाकिस्तान का 6 अरब डॉलर के कर्ज के समझौते को फिर से अमल में लाने का समझौता हुआ है। वहीं शरीफ सरकार की सबसे बड़ी उम्मीद है।
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पाकिस्तान में क्या हो पाएंगे चुनाव
ऐसी हालत में क्या पाकिस्तान में चुनाव हो पाएंगे। क्योंकि पाकिस्तान सरकार का अनुमान है कि अगर आम चुनाव समय कराया जाता है तो करीब 4700 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। और दिवालिया होने के कगार पर खड़े पाकिस्तान के लिए समय से पहले चुनाव कराना आसान नहीं होगा। हालांकि पंजाब की जीत के बाद इमरान खान लगातार दबाव बनाएंगे। अब देखना है कि 13 साल की सबसे ज्यादा महंगाई (जून में 21.3 फीसदी) और जरूरी सामानों की किल्लत का सामना कर रही जनता क्या इमरान का साथ देगी और पाकिस्तान में जल्द चुनाव होंगे।