नई दिल्ली: पाकिस्तान के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कुछ ऐसे युवाओं की भर्ती की है जो भारत के खिलाफ इंटरनेट और सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने का काम करेंगे। गुरुवार को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मेजर जनरल आसिफ गफूर की अध्यक्षता वाले आईएसपीआर ने बीते एक साल में करीब 1000 इंटर्न की भर्ती की है।
पाकिस्तान आईएसपीआर का मीडिया विंग हर महीने एक प्रतियोगिता भी आयोजित करता है और उन युवाओं को सम्मानित करता है जिनके ट्वीट सबसे ज्यादा रिट्वीट किए जाते हैं। ईनाम के तौर पर इन युवाओं को इनाम के तौर पर नौकरी और फौजी फाउंडेशन में कॉन्ट्रैक्ट मिलते हैं।
सूत्रों के अनुसार, 'आईएसपीआर की ओर से उन युवाओं को इनाम दिया जाता है जिनके भारत के खिलाफ ट्वीट को कोई सोशल मीडिया का प्रभावी हैंडलर समर्थन देता है या फिर विरोध करता है। फेसबुक और ट्विटर पर सबसे ज्यादा शेयर किया जाने वाला पोस्ट करने वाले शख्स को अवार्ड मिलता है।' एक लाख से ज्यादा प्रतिभागियों ने हाल ही में इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था।
पाकिस्तानी युवाओं को प्रभावी भारतीय सोशल मीडिया हैंडलरों की एक लिस्ट सौंपी जाती है और भारत के नेताओं, सैनिकों या फिर अधिकारियों के बारे में कोई कहानी प्रचारित करके उन्हें प्रभावित करने और प्रतिक्रिया देने पर मजबूर करने की कोशिश की जाती है।
मेजर जनरल आसिफ गफूर ने बुधवार को एक फोटो ट्वीट की थी जिसमें एक ट्रेनर जहाज का मलबा नजर आ रहा था। इस ट्वीट में दावा किया गया था कि बालाकोट ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान ने भारतीय विमान को मार गिराया जबकि उस विमान ने बालाकोट के ऑपरेशन में हिस्सा ही नहीं लिया था। पाकिस्तान की ओर से ऐसे भटकाने और दुष्प्रचार करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट अक्सर सामने आते रहते हैं जिन्हें पाकिस्तान की ओर से किसी नीति की तरह इस्तेमाल किया जाता है।